सेल्फी लेना दंडनीय अपराध की चेतावनी देने वाले पोस्टर को पुलिस ने हटा लिया है. पुलिस ने चेतावनी वाला बोर्ड उस रास्ते पर लगाया था जहां सीएम योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास है.
लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आमतौर पर युवा सेल्फी क्लिक करते नजर आ जाते हैं. वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास की तरफ जाने वाली सड़क पर भी सेल्फी ली तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है. बुधवार को 5 कालीदास मार्ग स्थित सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास के पास पुलिस ने एक चेतावनी वाला पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर में चेतावनी दी गई कि यहां सेल्फी लेना दंडनीय अपराध है.
हालांकि यह पोस्टर लगते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लोग सोशल मीडिया पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे जिसके बाद इस पोस्टर को हटा लिया गया. इस पोस्टर पर लिखा था ‘इस वीआईपी एरिया में फोटो खींचना और सेल्फी लेना दंडनीय अपराध है. इसलिए ऐसा करते हुए पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.’ इस पोस्टर पर तंज कसते हुए यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया था. ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका!’ हालांकि सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल होने के बाद पुलिस ने यह पोस्टर हटा लिया.
बता दें कि बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य विधानसभा में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की तर्ज पर माफिया और संगठित अपराध से निपटने के कड़े प्रावधान वाला विधेयक यूपीकोका पेश किया। यह विधेयक आतंक फैलाने या बलपूर्वक या हिंसा द्वारा सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयास करने वालों से सख्ती से निपटने की व्यवस्था देता है।
अखिलेश यादव ने इसका विरोध करते हुए ट्वीट किया था- यूपीकोका नहीं ये धोखा है. फर्नीचर साफ करने के पाउडर को PETN विस्फोटक बताने वाले जनता को बहकाने में माहिर हैं. 9 महीनों में बीजेपी ने जन सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए न सिर्फ समाजवादी ‘यूपी100’ और महिला सुरक्षा की ‘1090हेल्पलाइन’ को बल्कि समाजवादी विकास पथ पर बढ़ते प्रदेश को रोका है.
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