लखनऊ: यूपी पुलिस ने कुछ पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती के बारे में सोचा जा रहा है. वहीं इस संबंध को लेकर एक लेटर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. लोगों के बीच तरह-तरह के चर्चाऐं होने लगी. हालांकि कि जब मामला तुल पकड़ने […]
लखनऊ: यूपी पुलिस ने कुछ पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती के बारे में सोचा जा रहा है. वहीं इस संबंध को लेकर एक लेटर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. लोगों के बीच तरह-तरह के चर्चाऐं होने लगी.
हालांकि कि जब मामला तुल पकड़ने लगा, तो प्रशांत कुमार ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी. प्रशांत कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर पुलिस विभाग में आउटसोर्सिंग से भर्ती के संबंध में एक पत्र प्रसारित हो रहा है. यह पत्र त्रुटिवश जारी हुआ है.
वहीं बीजेपी ने कहा कि, पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पहले से ही की जा रही है. इस संबंध को लेकर पत्र जारी किए जाना था, जो कि त्रुटिवश मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी किया गया है. ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग और शासन स्तर पर देखा जाए, तो विचाराधीन नहीं है. यह पत्र गलती से जारी हो गया था, जिसे अब निरस्त किया जा चुका है.
दरअसल, सब इंस्पेक्टर के स्तर पर आउटसोर्सिंग से भर्तियों पर राय के लिए एडीजी स्थापना की गई है, वहीं एडीजी स्थापना की तरफ से सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर और कपतानों को पत्र भेजा गया था. पत्र में कहा गया था कि, सभी अपनी राय 17 जून तक भेजें.
वहीं सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), सहायक उप निरीक्षक(लेखा), सहायक उप निरीक्षक (गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती हो सकती है या नहीं. हालांकि जैसे ही ये पत्र वायरल हुआ, वैसे ही हड़कंप मच गया.
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