सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुधारने की बड़ी जिम्मेदारी के बीच पुलिस कई सराहनीय कार्य भी कर रही है और प्रशंसा अर्जित कर, एक दोस्त की भूमिका भी निभा रही है. उत्तर प्रदेश की खाकी ने एक बार फिर सहारनपुर में बड़ी भूमिका निभाई है.
उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम जहां सहारनपुर के सरसावा में पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके के पीछे की वजह तलाश कर रही है तो दूसरी टीम इंसानियत की मिसाल पेश कर रही है. सरसावा पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मारे गए युवकों के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. चारों परिवार का खर्च चलाने के लिए फैक्ट्री में काम कर रहे थे. इनमें से सागर, कार्तिक और वर्धनपाल अपनी पढ़ाई का खर्चा खुद उठाते थे. वर्धनपाल मूल रूप से मुजफ्फरनगर के खतौली के भैंसी गांव के रहने वाले थे. उनकी अंतिम यात्रा के लिए रविवार की सुबह वर्धनपाल के परिजनों ने गांव भैंसी से ग्रामीणों को कंधा देने के लिए फोन किया था.
तभी अचानक पुलिस गांव में पहुंची और उन्होंने अंतिम संस्कार करने की बात कही. उनके परिजनों ने बताया कि कंधा देने वालों की कमी है, इस पर सरसावा थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह व उनके स्टाफ ने वर्धनपाल की अर्थी को कंधा दिया. सरसावा प्रभारी के इस काम की चारों तरफ तारीफ हो रही है. सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस काम की तारीफ करने के साथ ही थाने का फोटो भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद जब कोई और दमकल पीड़ितों के दाह संस्कार के लिए आगे नहीं आया तो सहारनपुर पुलिस ने मदद का हाथ बढ़ाया. मानवता पहले.
गौरतलब है कि सहारनपुर के सरसावा में शनिवार को पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में फैक्ट्री के मालिक राहुल उर्फ जौनी (32 वर्ष) पुत्र स्व. किरण सिंह सलेमपुर मुजफ्फरनगर, सागर (22 वर्ष) पुत्र राजेश बलवंतपुर, कार्तिक (17 वर्ष) पुत्र योगेन्द्र बलवंतपुर, वर्धनपाल (19 वर्ष) पुत्र अर्जुन सलेमपुर, तथा सुमित (20 वर्ष) पुत्र सोहनवीर सलेमपुर की मौत हो गई थी.सहारनपुर जिला प्रशासन पटाखा फैक्ट्री के हादसे के मृतकों को जिला प्रशासन कृषक दुर्घटना बीमा योजना व अन्य को आम आदमी बीमा योजना का लाभ दिलाने के प्रयास में है. इनको मुख्यमंत्री राहत कोष से भी सहायता के लिए पत्र लिखा गया है.
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