UP MLC लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव (UP MLC) की रणभेरी बज चुकी है, विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद एमएलसी चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में टिकट पर मंथन चल रहा है. भाजपा ने एमएलसी चुनाव को लेकर बड़ा फैसला किया है, पार्टी […]
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव (UP MLC) की रणभेरी बज चुकी है, विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद एमएलसी चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में टिकट पर मंथन चल रहा है. भाजपा ने एमएलसी चुनाव को लेकर बड़ा फैसला किया है, पार्टी ने ये साफ कर दिया है कि पार्टी विधानसभा चुनाव में मात खाने वाले नेताओं को टिकट नहीं देगी. बता दें कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश के लिए गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ चुनाव जीतने के बाद प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने की तैयारी में लगी बीजेपी का अब अगला लक्ष्य एमएलसी चुनाव में जीत हासिल करना है. वहीं, विधानसभा चुनाव में जोरदार तरीके से लड़ने वाली सपा विधान परिषद की सीटों को बचाए रखने की तैयारी में जुटी हुई हैं, दोनों ही पार्टियों से विधानसभा चुनाव की टिकट की मांग कर रहे तमाम नेताओं की आस अब एमएलसी चुनाव से है तो वहीं दोनों दलों के हारे दिग्गज भी विधान परिषद के जरिए सदन में पहुंचने की कवायद में हैं.
विधान परिषद चुनाव के पहले चरण में 30 और दूसरे चरण में छह सीटों पर चुनाव हैं, कुल 36 सीटों पर विधान परिषद का चुनाव होना है, इसके लिए पहले चरण का नामांकन 15 मार्च से शुरू होकर 19 मार्च तक चलेगा. वहीं, 21 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी जबकि 23 मार्च तक नामांकन वापस लिए जाएंगे. बता दें कि दूसरे चरण में छह सीटों के लिए नामांकन 15 मार्च से शुरू होंगे और 22 मार्च नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि है. वहीं, 23 मार्च को इन नामांकन पत्रों की जांच होगी और 25 मार्च को नामांकन पत्र वापस लिए जाएंगे. दोनों ही चरणों के लिए 9 अप्रैल को मतदान होना है और 12 अप्रैल को नतीजे आ जाएंगे. खबरें हैं कि भाजपा अपर्णा यादव को विधान परिषद के चुनाव के लिए उम्मीदवार बना सकती है.