लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी सगर्मियां बढ़ी हुईं हैं. प्रदेश में कल, 27 फरवरी को राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होने हैं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 8 और समाजवादी पार्टी (सपा) के 3 उम्मीदवार मैदान में हैं. आंकड़ों के हिसाब से […]
लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी सगर्मियां बढ़ी हुईं हैं. प्रदेश में कल, 27 फरवरी को राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होने हैं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 8 और समाजवादी पार्टी (सपा) के 3 उम्मीदवार मैदान में हैं. आंकड़ों के हिसाब से देखें तो चुनाव में बीजेपी के 7 उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही है. हालांकि, सत्ताधारी दल ने 8वां उम्मीदवार खड़ा कर चुनाव में रोमांच पैदा कर दिया है. जिसके चलते अब 1-2 विधायकों वाले दल किंगमेकर की भूमिका में आ गए हैं. इन्हीं दलों में से एक है जनसत्ता दल के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’. उनकी पार्टी के पास दो विधायक हैं.
राज्यसभा चुनाव में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक किस पार्टी को समर्थन देगी इसका खुलासा राजा भैया ने खुद कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वे भाजपा के साथ खड़े हैं. राज्यसभा चुनाव से पूर्व लोकभवन पहुंचे राजा भैया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके दोनों विधायक भाजपा के उम्मीदवार को वोट देंगे. जिसके चलते अब भारतीय जनता पार्टी के आठों उम्मीदवारों के जीतने की संभावना बढ़ गई है.
403 विधानसभा सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 277 विधायक यानी वोट हैं. चुनाव के दौरान 37-37 विधायकों का कोटा होगा. बीजेपी के 7 प्रत्याशियों का कोटा पूरा होने के बाद पार्टी के पास 18 विधायकों के वोट अतिरिक्त बचेंगे. इसके साथ ही अब जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के 9 वोट भी बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के पास हैं. वहीं, अब राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का 2 वोट भी बीजेपी के खाते में जुड़ेगा. उधर, सपा के पास 108 विधायकों का वोट है. कांग्रेस के समर्थन के बाद उसकी संख्या 110 हो जाएगी. यानी तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए सपा को अभी भी 1 वोट की जरूरत है.
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