लखनऊ: इस बार उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर सख्ती बरती जा रही है. बात दें, ये यात्रा जुलाई में शुरू होने जा रही है जिसमें कांवड़ की ऊंचाई, त्रिशूल, भाला और ऐसे किसी भी सामान को लाने की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान अश्लील गाने चलने पर […]
लखनऊ: इस बार उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर सख्ती बरती जा रही है. बात दें, ये यात्रा जुलाई में शुरू होने जा रही है जिसमें कांवड़ की ऊंचाई, त्रिशूल, भाला और ऐसे किसी भी सामान को लाने की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान अश्लील गाने चलने पर भी रोक लगाई गई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में अधिकारियों ने इस साल की कांवड़ यात्रा को लेकर निर्देश जारी किए हैं.
कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार के साथ प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने कांवड़ यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की है. इस बैठक के बाद उन्होंने बताया कि हर पांच किलोमीटर पर कांवड़ियों को रुकने की सुविधाएं दी जानी चाहिए. बता दें, कांवड़ यात्रा सावन के साथ जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू हो जाएगी. इस दौरान हजारों शिव भक्त गंगा का पवित्र जल लेकर हरिद्वार से अपने स्थानों की ओर चलेंगे. इन्हें कांवड़िया कहा जाता है जिसे लेकर जिला अधिकारियों ने कहा है कि गृह विभाग की ओर से कांवड़ को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिससे प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से कांवड़ यात्रा आयोजित की जा सके और तीर्थयात्रियों को पर्याप्त सुविधा मिल सके.
इस बैठक के दौरान 12 फीट से ज्यादा ऊंचे कांवड़, भाला, त्रिशूल और इसी तरह की चीज़ों को लाने की अनुमति नहीं दी गई है. इसके अलावा कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के अश्लील गाने बजाए जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा. गाने बजाने के दौरान ध्वनि नियंत्रित रखने की भी बात कही गई है. तीर्थयात्रियों के साथ विनम्र व्यवहार किए जाने और महिला कांवड़ियों के लिए अलग शौचालयों और सुविधाएं पर्याप्त करवाने पर भी निर्णय लिए गए हैं. आपराधिक तत्वों पर भी इस दौरान कड़ी नज़र रखी जाएगी.
इतना ही नहीं देश में कांवड़ यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर भी नज़र रखी जाएगी जहां इस तरह की किसी भी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कांवड़ यात्रा को देखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पांच ज़ोन में बांटा गया है.