लखनऊ. समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरएलडी चीफ अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया गया कि आरएलडी सपा-बसपा के साथ महागठबंधन में शामिल है. वहीं राहुल गांधी की कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अखिलेश यादव ने कहा कि वे पहले भी कह चुके हैं कांग्रेस गठबंधन में शामिल है और रायबरेली और अमेठी की 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने कहा कि आरएलडी लोकसभा चुनाव में सपा और बपा के गठबंन के साथ लड़ेंगे. सभी सीटों पर महागठबंधन को जीत दिलाने के लिए हमारे कार्यकर्ता पूरी मेहनत करेंगे.
आरएलडी का साथ सपा-बसपा को वेस्ट यूपी में देगा फायदा
दरअसल रालोद पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह की पार्टी है. चौधरी चरण सिंह को जाटों का नेता कहा जाता है. ऐसे में जाट समुदाय में अधिकतर वोटर यूपी में रालोद को वोट देता है. आंकड़ों की मानें तो वेस्ट यूपी में मुस्लिम- जाट और एसएसी एसटी मिलकर एक अच्छा वोट बैंक खड़ा होता है.
पहले भी चल चुका है गठबंधन फॉर्मुला
यूपी के शामली जिले कि कैराना लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में यह वोट बैंक अपना असर दिखा चुका था. कैराना सीट पर भाजपा से हुकुम सिंह सांसद थे जो प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता भी रहे. उनके अचानक निधन के बाद यह उप चुनाव कराया गया था जिसमें बीजेपी से उनकी बेटी मृगांका सिंह को टिकट मिला और महा गठबंधन ने तब्बसुम हसन को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में महागठबंधन को अच्छी जीत मिली.
इस जीत के बाद अखिलेश यादव और मायावती समझ चुके थे कि विपक्ष एक साथ मिलकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को हरा सकता है. जिसके बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर लिया जिसमें आरएलडी, निषाद पार्टी भी शामिल हैं.
गठबंधन को लेकर सपा-बसपा साफ लेकिन कांग्रेस कन्फ्यूज
हालांकि इस सियासी हलचल में कांग्रेस पार्टी का कुछ समझ नहीं आया. जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव बोले कि कांग्रेस महागठबंधन में शामिल है और 2 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. जाहिर अखिलेश सोनिया गांधी की रायबरेली और राहुल गांधी की संसदीय क्षेत्र अमेठी की बात कर रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहले कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
प्रियंका वाड्रा कहीं गेम ना पलट दें
सबसे खास बात तो यह कि प्रियंका गांधी वाड्रा की आधिकारिक एंट्री के साथ-साथ उन्हें ईस्ट यूपी का प्रभार सौंपा गया और ज्योतिरादित्य सिंधिया को वेस्ट यूपी का प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस जानती है कि अभी उसका यूपी में कैडर ज्यादा मजबूत नहीं है, इसी वजह से प्रियंका को सिर्फ आधा यूपी देकर उसे जीतने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.
हालांकि प्रियंका गांधी का यूपी में उतरना भाजपा से ज्यादा सपा-बसपा के लिए नुकसान दायक है. लेकिन अगर कांग्रेस की ओर से गठबंधन की पु्ष्टि हो जाती है और सीट बंटवारे पर सहमती हो जाती है तो महागठबंधन भाजपा को सूबे से साफ करने का दम भी रखता है.
सूत्रों की मानें तो सपा-बसपा के गठबंधन की ओर से कांग्रेस को 10 सीटों को ऑफर दिया गया है, लेकिन कांग्रेस इतनी सीटों पर राजी नहीं हो सकी है. सूत्रों की ही मानें तो कांग्रेस कम से कम 16 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जिसको लेकर सपा-बसपा विचार कर रही है.
वीडियो देखने के बाद लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि हो क्या रहा है?…
जस्टिस गवई इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। इसके बावजूद उन्होंने…
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। षटतिला एकादशी भी हिंदू धर्म में…
आज के समय में हर कोई शीशे की तरह चमकती और साफ-सुथरी त्वचा चाहता है।…
वायरल हो रहे वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें दिख रहा शख्स…
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रहने वाली महिला ने अपने प्यार को पाने के लिए ऐसा…