UP CM Yogi
लखनऊ/दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कड़क मिजाज और सख्त प्रशासन के लिए जाने जाते हैं लेकिन एक मामले में वह बुरी तरह उलझ गये हैं. मामला है दो बहनों का, एक तरफ कुंआ है और दूसरी तरफ खाई. स्थिति बिगड़ते देख उन्होंने आधी रात को अपने मंत्री सुरेश खन्ना को दौड़ाया.
यूपी की राजनीति में पल्लवी पटेल चर्चे में हैं. पल्लवी पटेल अपना दल कमेरावादी की नेत्री हैं और सिराथू से चुनाव जीती थीं सपा के सिंबल पर. खास बात यह है कि इन्होंने डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य को हराया था. 2022 के चुनाव के दौरान अखिलेश यादव से लेकर तमाम बड़े नेताओं ने उनका प्रचार किया था लेकिन आगे चलकर हक को लेकर उनकी अखिलेश यादव से दूरियां बढ़ गई. अखिलेश के पीडीए नारे के जवाब में पल्लवी ने पीडीएम का नारा दे दिया. इस तरह सपा विधायक होते हुए भी वह सपा से किनारे हो गईं. यह तो हो गई पार्टी की राजनीति.
अब बात करते हैं घर की सियासत की.पल्लवी पटेल और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सगी बहन हैं. पिता सोनेलाल पटेल के राजनीतिक विरासत को लेकर घर में जब लड़ाई छिड़ी तो बड़ी बहन अनुप्रिया पटेल ने अपना दल सोनेलाल की तरफ राह कर ली और उनकी मां कृष्णा पटेल व पल्लवी पटेल ने अपना दल कमेरावादी बना लिया. दोनों बहनों में छत्तीस का आंकड़ा है. अनुप्रिया पटेल के पति है आशीष पटेल हैं, जो इस समय यूपी में प्राविधिक शिक्षा मंत्री हैं.
यूपी के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 250 की बहाली हुई है. लेक्चरर्स को प्रमोशन देकर बहाली हुई है. पल्लवी पटेल का आरोप है कि ये प्रोन्नति 25-25 लाख लेकर की गई है और आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ये भर्तियां लोक सेवा आयोग से होनी चाहिए थी. पल्लवी ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाना चाहा तो स्पीकर सतीश महाना ने इसकी इजाजत नहीं दी. तनातनी बढ़ी तो स्पीकर ने उन्हें बाहर जाने को कह दिया.
बस क्या था पल्लवी को मौका मिल गया और वह चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गईं. सपा का कोई विधायक उनकी मदद के लिआ नहीं आया और उन्होंने अकेले मोर्चा संभाला लिया.मीडिया की सुर्खियां बन गईं. योगी सरकार को लगा कि मामला बढ़ रहा है लिहाजा आधी रात को सीएम योगी ने अपने वरिष्ठतम मंत्रियों में से एक सुरेश खन्ना को उन्हें मनाने और धरने से उठाने के लिए भेजा.
पल्लवी पटेल इस शर्त पर मानी गईं कि इस मुद्दे पर उन्हें विधानसभा में बोलने का मौका दिया जाएगा. आपको बता दें कि पल्लवी पटेल से सीएम योगी के अच्छे रिश्ते हैं. जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से सीएम योगी की तनातनी चल रही थी तब पल्लवी पटेल योगी से मिली थीं. सीएम योगी इसलिए फंसे हुए हैं कि वह खुलकर पल्लवी का पक्ष नहीं ले सकते. स्पीकर यदि पल्लवी को बोलने का मौका देते हैं तो आशीष पटेल के साथ पूरी योगी सरकार कटघरे में खड़ी हो जाएगी.
अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल की गृहमंत्री अमित शाह से नजदीकी हैं और आशीष पटेल कह रहे हैं कि यदि पीएम या गृहमंत्री कह दें तो वह तुरंत इस्तीफा दे देंगे. सीएम योगी का नाम नहीं ले रहे हैं लेकिन कह रहे हैं कि पल्लवी और उनके पति के फोन कॉल की जांच करा ली जाए. पता चल जाएगा कि ये सब कौन करा रहा है. उन्हें लग रहा है कि सीएम योगी की तरफ से पल्लवी पटेल को शह मिल रहा है.
आशीष पटेल चुनौती दे रहे हैं कि सीएम योगी चाहें तो इस मामले की जांच सीबीआई से करा लें. इस तरह मामला बुरी तरह फंस गया है, अब वायदे के मुताबिक पल्लवी पटेल को विधानसभा में बोलने का मौका मिला तो वह अपने सगे बहनोई की बखिया उधेड़ेंगी जिससे पूरी योगी सरकार सवालों के घेरे में आ जाएगी. सरकार के मुखिया योगी हैं उन्हें एक्शन लेना पड़ेगा और यदि उन्होंने ऐसा कदम केंद्र को विश्वास में लिये बगैर उठाया तो गठबंधन खतरे में आ जा जाएगा. अपना दल सोनेलाल एनडीए का 2014 से ही सहयोगी है. अब देखना यह है कि सीएम योगी दो बहनों के झगड़े से कैसे निपटते हैं?
Read Also-
पत्नी से तनावपूर्ण संबंधों के चलते अतुल सुभाष की आत्महत्या के बीच हरियाणा से तलाक…
मध्य प्रदेश के इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कड़ा…
हमीदा बानो काम की तलाश में दुबई जाना चाहती थी, लेकिन ट्रैवल एजेंट ने उसे…
एक राष्ट्र एक चुनाव लोकसभा में पेश किया जा चुका है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन…
नई दिल्ली: कलावा एक धार्मिक धागा है जिसे हिंदू धर्म में पूजा और श्रद्धा के…
हल्दी भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है, जो स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए…