महाकुंभ क्षेत्र में बंदरों के घुसने से प्रशासन की नींद उड़ गई है, जिससे निपटने के लिए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में लंगूरों के कट आउट लगाए हैं। यह सोचकर कि लंगूरों के डर से बंदर भाग जाएंगे। हालांकि ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। बल्कि बंदर लंगूरों ने.....
लखनऊ : एक तरफ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तक महाकुंभ की तैयारियां चल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ शहर और रेलवे स्टेशन पर बंदर यात्रियों को अपना निशाना बना रहे हैं। बंदरों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इससे निपटने के लिए रेलवे ने बंदरों के आतंक से प्रभावित इलाकों में लंगूरों के कट आउट लगाए, लेकिन कुछ होशियार बंदरों ने रेलवे पर ही हावी हो गए। उन्होंने लंगूरों के कट आउट उखाड़ कर फेंक दिए।
महाकुंभ क्षेत्र में बंदरों के घुसने से प्रशासन की नींद उड़ गई है, जिससे निपटने के लिए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में लंगूरों के कट आउट लगाए हैं। यह सोचकर कि लंगूरों के डर से बंदर भाग जाएंगे। हालांकि ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। बल्कि बंदर लंगूरों के कट आउट उखाड़कर फेंक रहे हैं। प्रशासन ने बंदरों के आतंक से प्रभावित छिवकी रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों लंगूरों के कट आउट लगाए, लेकिन कोई फायदा होता नहीं दिख रहा। ऐसे में अब सोचने वाली बात यह है कि इस पर कैसे काबू पाया जाएगा।
पिछले एक सप्ताह में प्रयागराज शहर में 60 से अधिक लोगों को बंदरों ने अपना निशाना बनाया है। ऐसे में बंदरों के आतंक से बचने के लिए रेलवे की ओर से खंभों, प्लेटफार्म शेड, पानी की टंकियों, प्रवेश मार्गों पर जगह-जगह लंगूरों के हूबहू कटआउट लगाए गए हैं। शहर में बंदरों का इतना आतंक है कि लोग अपने पूरे घर को ही पिंजरा बना रहे हैं।
बंदरों से लोग डरे हुए हैं। हर दिन बंदर दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। अब कीडगंज, डियन टोल, टैगोर टाउन, अल्लाहपुर समेत कई मोहल्लों के लोगों ने बंदरों से बचने के लिए अपने घरों के आगे के हिस्से, छतों और बालकनी में जालियां लगा ली हैं। हाल ही में अनुमान लगाया गया था कि शहर में कम से कम 500 बंदर हैं।
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