Rana Sanga Controversy: राणा सांगा को लेकर सपा सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान ने देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. बुधवार, 26 मार्च 2025 को आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सांसद के आवास पर हमला बोल दिया. इस घटना में जमकर तोड़फोड़ हुई. जिसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है. इस हमले ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई. बल्कि सामाजिक तनाव को भी बढ़ा दिया है.

करणी सेना का गुस्सा फूटा

राणा सांगा पर सपा सांसद के बयान से नाराज करणी सेना के कार्यकर्ता आगरा स्थित रामजी लाल सुमन के घर पर धावा बोलने पहुंचे. पहले से तैनात पुलिस बल के बावजूद प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए आवास के मुख्य द्वार तक जा पहुंचे. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई. उग्र भीड़ ने पुलिस पर हमला किया, कुर्सियां फेंकीं और डंडों से तोड़फोड़ मचाई. इस झड़प में एक इंस्पेक्टर सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई. जब शहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. जिसने सपा को सरकार पर हमला करने का मौका दिया.

अखिलेश यादव की तीखी प्रतिक्रिया

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने लिखा ‘आगरा में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भी पीडीए के एक सांसद के घर पर हिंसक तोड़फोड़ को रोका नहीं जा सका तो सरकार का जीरो टॉलरेंस दावा खोखला ही है.’ उन्होंने योगी सरकार की नाकामी पर सवाल उठाते हुए कहा ‘क्या सीएम का प्रभाव घट रहा है या आउटगोइंग सीएम की अब कोई सुनता नहीं? अगर वे अभी भी मुख्यमंत्री हैं तो तत्काल कार्रवाई करें. दोषियों को एआई से चिह्नित कर सजा दें. वरना यह माना जाएगा कि यह सब उनकी सहमति से हुआ.’ अखिलेश ने इसे दलित सांसद पर हमले के रूप में भी पेश किया. जिससे सियासी माहौल और गरमा गया.

सांसद की सफाई- ‘मंशा गलत नहीं थी’

विवाद बढ़ने के बाद रामजी लाल सुमन ने अपनी सफाई पेश की. उन्होंने कहा ‘मुझे दुख है कि मेरे बयान से कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं. मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था. मैं सभी जातियों, वर्गों और समुदायों का सम्मान करता हूं.’ अपने जारी पत्र में सांसद ने स्पष्ट किया कि राज्यसभा में उनके वक्तव्य का मकसद इतिहास को कुरेदना नहीं था. उन्होंने कहा ‘मैंने सिर्फ यह बताने की कोशिश की कि हमें पुराने मुद्दों को पुनर्जनन नहीं देना चाहिए. मेरे बयान की मूल भावना को नजरअंदाज कर विवाद खड़ा किया जा रहा है.’

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