प्रयागराज के मऊआइमा इलाके में शनिवार को एक ऐसी घटना हुई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। मऊआइमा के कटरा दयाराम बागी निवासी रामलखन शनिवार को अपने घर के पास बैठे थे और पड़ोसियों से बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान अचानक वह जमीन पर गिर पड़े।
लखनऊ: प्रयागराज के मऊआइमा इलाके में शनिवार को एक ऐसी घटना हुई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। बता दें 60 वर्षीय रामलखन, जिन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, करीब डेढ़ घंटे बाद अचानक जीवित हो गए। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
मऊआइमा के कटरा दयाराम बागी निवासी रामलखन शनिवार को अपने घर के पास बैठे थे और पड़ोसियों से बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान अचानक वह जमीन पर गिर पड़े। यह देख आसपास के लोगों ने उनके परिवार को सूचना दी। वहीं रामलखन के गिरने से घर में कोहराम मच गया और परिवार के सदस्य उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गए।
अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के बाद रामलखन को मृत घोषित कर दिया। हालांकि परिवार ने इलाज और ऑक्सीजन लगाने का आग्रह किया। लगभग डेढ़ घंटे तक रामलखन अस्पताल के बेड पर पड़े रहे। वहीं अचानक उनकी सांसें चलने लगीं और वह उठकर बैठ गए। यह देख परिवार और अस्पताल का स्टाफ हैरान रह गया।
रामलखन के जीवित होने की खबर तेजी से फैल गई। आसपास के लोग और रिश्तेदार उन्हें देखने के लिए उनके घर पहुंचने लगे। बता दें उनकी बड़ी बहू आशा देवी ने इसे ईश्वरीय कृपा बताया। उन्होंने कहा, “हमने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन यह भगवान की कृपा है कि वह जीवित हो गए।”
रामलखन की पत्नी जगरानी ने कहा, “वह मेरी आंखों के सामने गिरे थे और उनकी सांस बंद हो गई थी। उनके दोबारा जीवित होने को मैं दूसरा जन्म मानती हूं।” रामलखन के बेटे मुन्नालाल और बेनी प्रसाद ने भी इसे चमत्कार करार दिया. हालांकि रामलखन अब स्वस्थ हैं और लोगों को अपनी कहानी सुना रहे हैं। उनकी इस घटना को लेकर पूरे इलाके में चर्चा है। परिवार इसे भगवान की विशेष कृपा मान रहा है।
ये भी पढ़ें: UP के इस 34 साल पुराने चर्च में गाई जाती है भोजपुरी प्रेयर, जानें क्यों?