नोएडा जाने पर कुर्सी गंवाने का अंधविश्वास तोड़ने 25 दिसंबर को नोएडा जा रहे हैं CM योगी आदित्यनाथ

UP के CM योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा के उस अंधविश्वास की लकीर को लांघने जा रहे हैं, जिसके चलते ऐसा माना जाता है कि कोई मुख्यमंत्री अगर अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है, तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है. 25 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी नोएडा मेट्रो के एक फेस का उद्घाटन करेंगे. इस समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे और मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे.

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नोएडा जाने पर कुर्सी गंवाने का अंधविश्वास तोड़ने 25 दिसंबर को नोएडा जा रहे हैं CM योगी आदित्यनाथ

Aanchal Pandey

  • December 20, 2017 6:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

लखनऊ/नोएडाः यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक ऐसे अंधविश्वास की लकीर को लांघने जा रहे हैं, जिसे लांघने की हिम्मत राज्य के पिछले कई सीएम नहीं कर पाए. योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा आ रहे हैं. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोएडा मेट्रो के एक फेस का उद्घाटन करेंगे. इस समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे और मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे. यह मेट्रो नोएडा के बॉटेनिकल गार्डन से दिल्ली के कालका जी तक जाएगी. नोएडा को लेकर यह अंधविश्वास है कि अगर उत्तर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है, तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है. इसी अंधविश्वास के चलते यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती ने यहां का दौरा करने से किनारा कर लिया था.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव साल 2012 से 2017 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे और पूरे 5 साल उन्होंने नोएडा में कदम नहीं रखा. इससे पहले साल 2007 से 2012 तक सूबे की मुख्यमंत्री रहीं मायावती भी अंधविश्वास के इस चक्र को तोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं थीं. इतना ही नहीं, समाजवादी पार्टी के जनक मुलायम सिंह यादव, BJP के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह भी बतौर सीएम इस मिथक को तोड़ने की जहमत नहीं उठा पाए. उस दौरान उनकी रैलियां नोएडा को छोड़कर आसपास के जिलों गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और मथुरा में आयोजित की जाती थीं.

गौरतलब है, जून 1988 में तत्कालीन यूपी के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को केंद्र सरकार की ओर से पद छोड़ने के लिए कह दिया गया था. यह आदेश उनके नोएडा से लौटने के ठीक बाद दिया गया था. तभी से ऐसा मिथक पैदा हो गया कि अगर उत्तर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है, तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है. हालांकि इसी साल विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार फिर से सत्ता में लौटती है तो वह नोएडा जरूर आएंगे.

मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री आवास (5, कालीदास मार्ग, लखनऊ) से ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की अहम परियोजनाओं समेत 11 प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखाई. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पीएम मोदी के कई कार्यक्रम, जो नोएडा में आयोजित किए गए थे उनमें शिरकत करने से अखिलेश हमेशा बचते रहे. 5, कालीदास मार्ग से ही वह वीडियो कॉंफ्रेंसिंग आदि के जरिए रिमोट का बटन दबाकर योजनाओं का शुभारंभ करते रहे.

योगी आदित्यनाथ ने इसी साल मार्च में यूपी के सीएम का पद संभाला. पद संभालते ही उन्होंने कहा था कि वह राज्य के सभी 75 जिलों का दौरा करेंगे और सभी जिलों में लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा करेंगे. मई माह में सीएम ने राज्य के कई जिलों का दौरा किया लेकिन वह भी शुरूआत में नोएडा आने से बचते रहे. इस बार पीएम मोदी के कार्यक्रम में शिरकत करने से शायद सीएम योगी इनकार नहीं कर पाए. खैर योगी के इस फैसले से शायद नोएडा का वो मिथक टूट जाए, जिसके चलते नोएडा की जमीन अपने सीएम के कदमों से पिछले कई दशकों से महरूम है. बहरहाल पीएम और सीएम की मौजूदगी वाले कार्यक्रम के लिए प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है और कार्यक्रम की तैयारियां जोरो-शोरों पर शुरू हो गईं हैं.

 

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