यूपी निकाय चुनाव 2023: भाजपा जल्द कर सकती है उम्मीदवारों के नाम का ऐलान

लखनऊ: यूपी नगर निकाय चुनाव में काम वक़्त बचा है। चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। आपको बता दें कि 4 मई और 11 मई को होने वाले है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में मेयर और पार्षद के प्रत्याशियों के नाम पर भाजपा की चर्चा खत्म हो गई है। […]

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यूपी निकाय चुनाव 2023: भाजपा जल्द कर सकती है उम्मीदवारों के नाम का ऐलान

Amisha Singh

  • April 15, 2023 5:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: यूपी नगर निकाय चुनाव में काम वक़्त बचा है। चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। आपको बता दें कि 4 मई और 11 मई को होने वाले है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में मेयर और पार्षद के प्रत्याशियों के नाम पर भाजपा की चर्चा खत्म हो गई है। उसके बाद माना जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही अपनी लिस्ट जारी कर सकती है। इससे पहले लखनऊ में भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें मेयर और नगर पालिका अध्यक्ष के सभी पदों के नामों पर चर्चा हुई। इस बैठक में एक प्रस्ताव भी आया कि सभी मौजूदा महापौरों को भी मैदान में उतारना चाहिए, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व को इस मामले पर अंतिम निर्णय लेने की अनुमति दी गई।

 

➨ जातीय समीकरण का भी खास ध्यान

जानकारी के लिए बता दें, महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के नामों पर चर्चा के दौरान जातीय समीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। बीते दिन यानी शुक्रवार को होने वाली केंद्रीय कमेटी की बैठक से पहले बीजेपी मुख्यालय में दिन भर मंथन चलता रहा। इसमें क्षेत्रीय अध्यक्षों से सवाल किया गया कि पुराना कार्यकर्ता कौन है, उसका इलाके पर कितना प्रभाव है? आपके क्षेत्र में बीजेपी के पदाधिकारियों से आपका कितना संपर्क और संवाद है? इसके बाद, अंतिम सूची तैयार की गई और केंद्रीय समिति की बैठक में लाई गई।

 

 

➨ कई नेताओं के बीच दिखी खींच-तान

ख़बरों की माने तो कई नगर निगमों में विधायक और सांसद अपने रिश्तेदारों और रिश्तेदारों को उम्मीदवार बनाने को लेकर प्रतिष्ठा का सवाल खड़ा कर रहे हैं। गोरखपुर में स्क्रीनिंग समिति की बैठक में कॉरपोरेट प्रत्याशी के नाम को लेकर MLC देवेंद्र प्रताप सिंह और विधायक विपिन सिंह आमने-सामने आ गए। अलीगढ़ में प्रत्याशी को लेकर सांसद सतीश गौतम और विधायक जयवीर सिंह के बीच बातचीत नहीं बन पा रही है।

 

इसी तरह गाजीपुर की नगर पंचायत सैदपुर की महिला सीट पर भी संघ और BJP में सहमति नहीं बन पाई है। संघ साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवार की तलाश में है तो बीजेपी ने पूर्व अध्यक्ष हरिनाथ सोनकर की पत्नी शीला सोनकर के नाम का प्रस्ताव रखा। हरिनाथ पर गबन का आरोप लगा और वे जेल भी गए। जबकि सीएम योगी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जीतने वाले उम्मीदवार का ध्यान रखने की जरूरत है, कोई भी अपने रिश्तेदार को टिकट देने के लिए दबाव न डाले।

 

 

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