लखनऊ। यूपी कैडर के आईएएस अफसर अभिषेक सिहं को निलंबित कर दिया गया है। इनको साल 2015 में तीन साल के लिए दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति दी गई थी। इसके बाद प्रतिनियुक्ति की अवधि को अगले 2 वर्ष के लिए बढ़ाई गई थी और इसके बाद वो मेडिकल लीव पर चले गए थे। इसके बाद दिल्ली सरकार ने अभिषेक सिंह को 19 मार्च 2020 को उनके मूल कैडर वापस भेज दिया, लेकिन उन्होंने लंबे समय तक यूपी में जॉइनिंग नहीं की।
नियुक्ति विभाग ने मांगा था उनका पक्ष
लंबे समय तक ड्यूटी जॉइनिंग नहीं करने के कारण उत्तर प्रदेश के आईएएस अफसर अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि 10 अक्टूबर 2022 को नियुक्ति विभाग ने आईएएस अभिषेक सिंह का पक्ष मांगा। लेकिन उन्होंने इसका कोई भी उत्तर नहीं दिया। इसी बीच 30 जून 2022 को उन्होंने यूपी में जॉइनिंग दी। अभिषेक सिंह ने अवमुक्त होने के बाद अभी तक नियुक्ति विभाग को अपनी योगदान की आख्या नहीं दी।
इस नियम उल्लंघन के पाए गए दोषी
इसके बाद यूपी सरकार ने इस कृत्य को अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली 1968 के नियम नंबर 3 का उल्लंघन बताते हुए अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और राजस्व परिषद से संबंध कर दिया। इसके साथ उनको ये भी निर्देशित किया गया है कि, एक सप्ताह की अवधि में बिना लिखित अनुमानित प्राप्त किए मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
गुजरात चुनाव में प्रेक्षक की लगी थी ड्यूटी
गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश सरकार ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग को प्रेक्षकों की सूची भेजी थी। इस सूची में अभिषेक सिंह का नाम भी शामिल था। इन्होंने इस काम को भी ग्रहण कर दिया लेकिन आगे-आगे फोटो खिंचवाने के मामले में वो चर्चा में आ गए। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने उचित आचरण नहीं किए जाने पर अभिषेक सिंह को 18 नवंबर 2022 को प्रेक्षक की ड्यूटी से हटा दिया था।