बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन दिवसीय आलमी तबलीगी इज्तिमा की शुरूआत 1 दिसंबर से हो गई थी. आज 3 दिसंबर इसका आखिरी दिन है. दुनियाभर से इसमें शामिल होने के लिए लाखों लोग पहुंचे. इज्तिमा की शुरूआत दिल्ली मरकज के मौलाना साद ने की. देवबंद के उलेमा-ए-इकराम भी इज्तेमा में शामिल होने पहुंचे. बुलंदशहर में इज्तेमा के लिए 8 लाख वर्ग फुट की जगह में पंडाल लगाए गए.
इसमें 10 से ज्यादा देशों से लोग शामिल हुए. सभी लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए. बता दें कि इस आयोजन के आखिरी दिन पढ़ी जाने वाली दुआ सबसे अहम होती है. आज ये दुआ सुबह 11 बजे पढ़ी गई. इज्तेमा के पहले और दूसरे दिन दीन-इस्लाम की बात की गई. लोगों को अल्लाह के रहमों करम और इस्लाम धर्म के असली मतलब के बारे में बताया गया. सभी को भाईचारे के साथ रहने की सीख दी.
आखिरी दिन की दुआ में अमन चैन और शांति की मांग के साथ सभी मुल्क की तरक्की के लिए भी दुआ पढ़ी गई. बता दें कि इस आयोजन के लिए पिछले 2 महीने से तैयारी की जा रही थी. पुलिस प्रशासन ने भी बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए विशेष इंतजाम किए. हालांकि बड़ी संख्या में आयोजन में शामिल होने आ रहे लोगों को जाम की परेशानी उठानी पड़ी. स्थानीय निवासियों ने भी आयोजन के लिए प्रशासन और पुलिस की मदद की. खबर ये भी आई की जाम में फंसे लोगों को नमाज पढ़ने में परेशानी न हो इसके लिए उनकी नमाज मंदिर में पढ़वाई गई.
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