नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना संक्रमित लोगों के मिलने के बाद से अफरा-तफरी का माहौल है. यहां मौजूद करीब 2 हजार लोगों में से 24 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि बाकी सभी लोगों को आइसोलेशन सेंटर में रखकर कोरोना की जांच की जा रही है. पुलिस ने तबलीगी जमात के मौलाना साद और अन्य के खिलाफ महामारी कानून 1897 के अंतर्गत केस दर्ज किया है. अभी तक दिल्ली में कोरोना के 97 केस हैं और इनमें से 24 मामले निज़ामुद्दीन मरकज़ के हैं.
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना साद का जन्म साल 1965 में दिल्ली के मर्कज में हुआ. मौलाना साद ने साल 1987 में मदरसा कसफुल उलूम, हजरत निजामुद्दीन से अपनी शिक्षा पूरी की. साल 1990 में मौलाना साद की शादी सहारनपुर के मज़हिर उल उलूम के प्रधानाचार्य की बेटी से हुई. साल 1995 से मौलाना साद आलम तबलीगी इज्तिमा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. मुस्लिम समाज में उनके बयान काफी प्रसिद्ध होते हैं. काफी संख्या में मुस्लिम लोग मौलाना साद की तकरीर सुनना पसंद करते हैं.
खास बात है कि यूपी के बुंलदशहर में मुस्लिम समुदाय को मौलाना साद साहब का दीदार करने का मौका मिल रहा है. बता दें कि इस इज्जिमा में 15 से 20 लाख लोग शामिल हुए हैं. इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियां भी की गई हैं. पिछले डेढ़ से 2 हजार युवा प्रतिदिन काम में लगे हुए हैं. खास बात है कि कोई भी ऐसा शख्स नहीं है जिसे मजदूरी पर काम करने बुलाया गया हो. सभी इज्तिमा में काम करने के मौके को अपनी खुशनसीबी मान रहे हैं.
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