लखनऊ. हनीट्रैप में फंसकर सेना की जासूसी करने वाले बीएसएफ के जवान अच्युतानंद मिश्रा को यूपी एटीएस ने नोएडा से गिरफ्तार किया है. कोर्ट से एटीएस को बीएसएफ जवान की 5 दिनों की डिमांड मिल गई है. एटीएस को उम्मीद है कि पूछताछ में काफी जरूरी जानकारियां हाथ लग सकती हैं. वहीं एटीएस यह भी पता करने की कोशिश करेगी कि कहीं अच्युतानंद मिश्रा ने जानकारी लीक करने के एवज में पैसे तो नहीं लिए.
मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के रीवा का रहने वाला बीएसएफ जवान अच्युतानंद मिश्रा ने हनीट्रैप में फंसकर सेना की जासूसी शुरू की. आईएसआई की एक महिला एजेंट ने खुद को डिफेंस रिपोर्टर बनाकर उससे बातचीत शुरू की. पहले दोनों के बीच सामान्य बातें होती थीं लेकिन बाद में वह महिला जवान से जरूरी जानकारी लेने लगी. जब एटीएस ने गिरफ्तारी के बाद मिश्रा का मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट खंगाला तो उसमें तमाम सबूत मिले.
एटीएस के अनुसार, खूफिया विभाग से उन्हें यह जानकारी मिली थी कि ISI फेसबुक पर महिलाओं के फर्जी अकाउंट बनाकर बीएसएस के जवानों से दोस्ती करती हैं. जब दोस्ती बढ़ जाती हैं तो वे गोपनीय सूचनाएं पाने की कोशिश करती हैं. जब एटीएस ने इस मामले में जांच शुरू की तो फेसबुक पर कई भारतीयों के ऐसे अकाउंट मिले जो आईएसआई से संपर्क में थे. जब गहन से जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि अच्युतानंद मिश्रा साल 2016 में फेसबुक के जरिए इस महिला से मिला था.
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि मिश्रा के फोन में एक पाकिस्तान का नंबर ‘पाकिस्तानी दोस्त’ के नाम पर सेव था. बीएसएफ जवान इसी नंबर पर व्हाटसऐप पर चैट भी करता था. मिश्रा ने इस नंबर के जरिए काफी सूचनाएं साझा की हैं. फिलहाल आरोपी जवान के खिलाफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट व गोपनीयता एक्ट की धारा 3, 4, 5 और 9, 121ए के तहत केस दर्ज किया है. जवान से रिमांड पर पूछताछ की जा रही है.
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