नोएडा, नोएडा के ट्विन टॉवर्स आखिरकार जमींदोज़ हो ही गया. इस इमारत की नींव भ्र्ष्टाचार थी, इस इमारत को खड़ा करने वाले गुनहगारों के खिलाफ अब जल्द एक्शन लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी का कहना है कि सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ सख्त […]
नोएडा, नोएडा के ट्विन टॉवर्स आखिरकार जमींदोज़ हो ही गया. इस इमारत की नींव भ्र्ष्टाचार थी, इस इमारत को खड़ा करने वाले गुनहगारों के खिलाफ अब जल्द एक्शन लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी का कहना है कि सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अवनीश अवस्थी का कहना है, ”सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद इन अवैध इमारतों को गिराया गया, ये साबित करता है कि कानून से कोई बच नहीं सकता. ये उन लोगों को सख्त संदेश देगा कि राज्य में अवैध काम को स्वीकार नहीं किया जाएगा और अवैध इमारतों का यही हाल होगा.”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों टॉवर की ऊंचाई 100 मीटर से थोड़ी ज्यादा थी, टावर को गिराने के लिए वाटरफॉल इम्प्लोजन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिसकी वजह से यह बिल्डिंग जिस जगह बनी थी उसी जगह ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. विस्फोट के लिए लगाए गए बटन और बिल्डिंग को गिरने की पूरी प्रक्रिया करीब 9 सेकेंड में पूरी हो गई, हाँ वो अलग बात है कि पूरा इलाका धूल के गुबार में तब्दील हो गया और बहुत देर तक सिर्फ धुंआ ही नज़र आया. बता दें, ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए जितने विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया वो 3 अग्नि, 12 ब्रह्मोस या 4 पृथ्वी मिसाइलों के बराबर है.
सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने में तकरीबन 17.55 करोड रुपये का खर्च आया है, दिलचस्प बात तो ये है कि इसे गिराने का खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ने वहन किया है. दोनों ही टावरो में कुल 950 फ्लैट्स बने चुके थे, 200 से 300 करोड़ रुपये की लागत से इस ट्विन टावर का निर्माण किया था.
Twin Tower: 9 सेकेंड में मलबे का ढेर बन गया ‘ट्विन टावर’, 3700 किलोग्राम विस्फोटकों ने किया जमींदोज