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हैदराबाद: ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल, ABVP छात्रों का प्रदर्शन

हैदराबाद : एक बार फिर देश में फिल्म निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर बवाल शुरू हो गया है. दरअसल हैदराबाद में फिल्म दिखाने को लेकर हाथापाई की खबर सामने आई है. यह हाथापाई ABVP और HCU के सुरक्षा कर्मियों के बीच हुई. One side student group #SFI defy the […]

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हैदराबाद: ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल, ABVP छात्रों का प्रदर्शन
  • January 26, 2023 9:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

हैदराबाद : एक बार फिर देश में फिल्म निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर बवाल शुरू हो गया है. दरअसल हैदराबाद में फिल्म दिखाने को लेकर हाथापाई की खबर सामने आई है. यह हाथापाई ABVP और HCU के सुरक्षा कर्मियों के बीच हुई.

बीबीसी डॉक्यूमेंटरी से जुड़ा है मामला

दरअसल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने फिल्म को लेकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया है. छात्रों की मांग है की कैंपस में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग कराई जाए. बता दें, गुरुवार को लेफ्ट समर्थित छात्रों के संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी कैंपस में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करवाई थी. इसी के जवाब में ABVP के छात्रों ने आज यूनिवर्सिटी कैंपस में द कश्मीर फाइल्स मूवी दिखाने का फैसला किया है.

दिखाई जा चुकी है फिल्म

बता दें, बीबीसी डॉक्यूमेंटरी को केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है. केंद्र सरकार ने इसे प्रोपेगेंडा फैलाने वाली फिल्म करार देते हुए ये कदम उठाया है. हालांकि प्रतिबंधित होने से ठीक एक दिन पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कैंपस में यह डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई थी. इसके बाद छात्रों की सफाई भी सामने आई थी कि उन्होंने कुछ भी गलत या गैरकानूनी नहीं किया है. इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी छात्रों से पूछताछ की थी.

 

क्या है पूरा विवाद?

बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री दावा करती है कि उन्होंने अपने स्तर पर साल 2002 में होने वाले गुजरात दंगों से जुड़े कुछ पहलू की पड़ताल की है. बता दें, दंगों के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इस डॉक्यूमेंटरी में ब्रिटिश सरकार की एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि गुजरात दंगों में एथनिक क्लेंज़िंग के निशान थे. इसी डॉक्यूमेंटरी और दावों से सारा बवाल शुरू हुआ जहां विवाद को बढ़ता देख सरकार ने कथित रूप से यूट्यूब और ट्विटर लिंक को हटाने के आदेश दिए हैं.

पथराव से लेकर धरना प्रदर्शन

विपक्षी दलों ने इस कदम के लिए सरकार की आलोचना की है. साथ ही डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के फैसले को सेंसरशिप करार दिया है. इसके अलावा एडवाइजरी को दरकिनार करते हुए JNU और जामिया समेत के कई युवा और छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग यूनिवर्सिटी कैंपस में करने की मांग की है. JNU में इसे लेकर पथराव भी हुए. अब जामिया में छात्रों का धरना प्रदर्शन भी जारी है.

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