पश्चिम बंगाल, पश्चिम बंगाल अपनी संस्कृति और रिवाज़ों के लिए हमेशा के लिए से जाना जाता है. ऐसे में बंगाल वासियों के लिए आज गर्व का दिन है दरअसल, विश्व भर में प्रसिद्ध बंगाल की दुर्गा पूजा को UNESCO को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा देने का ऐलान ( UNESCO gave heritage status to Durga Puja ) किया है. निश्चित रूप से इससे बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान मिली है और दुर्गा पूजा की झलक न केवल देश में एक बार फिर से व्यापक स्तर पर विश्व भर में देखने को मिलेगी.
निश्चित रूप से आज बांगला संस्कृति और पूरे देश के लिए गर्व का दिन है. आज संयुक्त राष्ट्र संघ की सांस्कृतिक ईकाई UNESCO ने बंगाल की दुर्गा पूजा (Kolkata Durga Puja) को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने का ऐलान किया है. बता दें कि दुर्गा पूजा बंगाल की संस्कृति के साथ जुड़ा है और प्रत्येक वर्ष बंगाल में इस पूजा का आयोजन देखते ही बनता है. ऐसे में UNESCO द्वारा बंगाल की दुर्गा पूजा को हेरिटेज का दर्जा देना वास्तव में बांगला संस्कृति के लिए गर्व का दिन है. ऐसी जानकारी है कि 13 से 18 दिसंबर 2021 तक पेरिस, फ्रांस में आयोजित होने वाली अपनी अंतर सरकारी समिति के 16 वें सत्र के दौरान कोलकाता में दुर्गा पूजा को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है.
UNESCO ने बंगाल की दुर्गा पूजा (Kolkata Durga Puja) को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने के ऐलान के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया और ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, भारतीयों के लिए बड़े गर्व और खुशी की बात! दुर्गा पूजा हमारी सर्वोत्तम परंपराओं और लोकाचार को उजागर करती है और, कोलकाता की दुर्गा पूजा एक ऐसा अनुभव है जो हर किसी के पास होना चाहिए.
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