Uma Bharti Ram Mandir Statement: लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर मुद्दा फिर गर्मा गया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐसा करने पर भाजपा पर निशाना साधा है. उमा भारती ने उद्धव ठाकरे के इस प्रयास की सराहना की और उनके बयान को सही बताते हुए कहा कि भाजपा का राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर पेटेंट नहीं है.
मध्य प्रदेश. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का मुद्दा गर्मा गया है. चुनाव से पहले फिर इस मुद्दे को चर्चा में लाने को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधा था. हाल ही में अयोध्या में हुई विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में उद्धव ठाकरे ने कहा था, ‘चुनाव प्रचार के दौरान मंदिर मुद्दे का इस्तेमाल करना गलत है. इस तरह हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.’ जहां एक ओर इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साध लिया वहीं इसी के बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उद्धव ठाकरे के प्रयास की सराहना की.
उन्होंने कहा, ‘हां, मैं उद्धव ठाकरे के प्रयास की सराहना करती हूं. भाजपा का राम मंदिर मुद्दे पर कोई पेटेंट नहीं है. भगवान राम सभी के हैं. मैं सपा, बसपा, अकाली दल, ओवैसी और आजम कान से अपील करती हूं की राम मंदिर निर्माण में वो भी मदद के लिए आगे आएं.’ बता दें कि उद्धव ठाकरे ने कहा था, ‘सरकार को जल्द से जल्द मंदिर निर्माण के लिए कानून लाना चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि चुनाव के समय पार्टियां राम-राम करती हैं और फिर जीत के बाद शांत होकर बैठ जाती हैं. यदि पार्टियां मंदिर नहीं बना सकती तो हमें बताएं. चुनाव के समय मंदिर का मुद्दा नहीं उठाएं.’
Yes, I appreciate #UddhavThackeray for his effort. BJP doesn't have a patent on Ram Mandir, Lord Ram is of all. I appeal to everyone including SP, BSP, Akali Dal, Owaisi, Azam Khan etc to come forward and support the construction of the temple: Uma Bharti, Union Minister (25.11) pic.twitter.com/LQcpPafdBR
— ANI (@ANI) November 26, 2018
वहीं उमा भारती ने जवाब के रूप में कहा था, ‘राम तो भाजपा के रोम-रोम में बसे हैं. और 24 घंटे याद आते हैं. हमने चुनाव सड़क, बिजली, पानी की बुरी अवस्था के आधार पर लड़ा था. राम हमें चुनाव के पहले भी याद आते हैं और बाद में भी. राम हमारी आन-बान शान हैं. राम के लिए हमारे प्राण अर्पित हैं.’