भोपाल: साल के अंतिम दिन पौराणिक ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर की भव्य भस्म आरती हुई, इसमें देशभर से आए शिव भक्तों ने भाग लिया. आज यानी रविवार को भगवान महाकाल के दरबार में अद्भुत भस्म आरती हुई. इसके संबंध में महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि सबसे पहले भगवान महाकाल का पंचामृत से पूजन किया […]
भोपाल: साल के अंतिम दिन पौराणिक ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर की भव्य भस्म आरती हुई, इसमें देशभर से आए शिव भक्तों ने भाग लिया. आज यानी रविवार को भगवान महाकाल के दरबार में अद्भुत भस्म आरती हुई. इसके संबंध में महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि सबसे पहले भगवान महाकाल का पंचामृत से पूजन किया गया. इसके बाद विधि-विधान के साथ भगवान महाकालेश्वर की भस्म आरती हुई, जिसे देखने के लिए विश्वनाथ के भक्त देशभर से आए थे।
आपको बता दें कि नए साल पर महाकाल दर्शन के लिए खास व्यवस्था की जाएगी. दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की अधिक संख्या होने पर कार्तिकेय मंडप खाली रखा जाएगा और यहां से चलित भस्म आरती की दर्शन व्यवस्था की जाएगी. पौराणिक ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन पांच आरती होती है जिसमें सुबह के समय में होने वाली पहली भस्म आरती शिव भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहती है. इसके बाद मंदिर में प्रातः कालीन आरती की जाती है. फिर सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर भोग आरती होती है. वहीं शाम 6 बजकर 30 मिनट पर संध्याकालीन आरती की जाती है. इसके बाद शयन आरती के साथ रात्रि में मंदिर के पट बंद हो जाते हैं।
इस संबंध में महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर में होने वाली भस्म आरती में चलित दर्शन व्यवस्था भी की गई है. जिन श्रद्धालुओं को भस्म आरती में बैठने की अनुमति नहीं मिलती है वह चलित भस्म आरती के जरिए प्रवेश कर सकते हैं. सुबह चार बजे से चलित भस्म आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया जाता है।
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