500 रुपये में आधार कार्ड की डिटेल बिकने वाली खबर छापने वाले अखबार और पत्रकार के खिलाफ विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एफआईआर दर्ज कराई है. दो दिन पहले 'द ट्रिब्यून' न्यूज पेपर में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि महज 500 रुपये में आप किसी भी व्यक्ति की आधार डिटेल ले सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि यह गिरोह पिछले 6 माह से इस काम को अंजाम दे रहा है और UIDAI द्वारा बनाए गए सुरक्षा के सभी खास इंतजामों को धता बताते हुए उनके सर्वर में सेंधमारी कर रहा है. UIDAI की ओर से दर्ज एफआईआर में अखबार 'द ट्रिब्यून', रिपोर्टर रचना खैरा के साथ-साथ तीन अन्य युवकों के नाम भी शामिल हैं. UIDAI ने पहले ही दिन अखबार की इस खबर का खंडन किया था.
नई दिल्लीः 500 रुपये में आधार कार्ड की डिटेल बिकने वाली खबर छापने वाले अखबार और पत्रकार के खिलाफ विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एफआईआर दर्ज कराई है. दो दिन पहले ‘द ट्रिब्यून’ न्यूज पेपर में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि महज 500 रुपये में आप किसी भी व्यक्ति की आधार डिटेल ले सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि यह गिरोह पिछले 6 माह से इस काम को अंजाम दे रहा है और UIDAI द्वारा बनाए गए सुरक्षा के सभी खास इंतजामों को धता बताते हुए उनके सर्वर में सेंधमारी कर रहा है. UIDAI की ओर से दर्ज एफआईआर में अखबार ‘द ट्रिब्यून’, रिपोर्टर रचना खैरा के साथ-साथ तीन अन्य युवकों के नाम भी शामिल हैं. UIDAI ने पहले ही दिन अखबार की इस खबर का खंडन किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह तीन युवक अनिल कुमार, सुनील कुमार और राज हैं. रिपोर्टर रचना खैरा की रिपोर्ट में इन तीनों युवकों का हवाला दिया गया था. UIDAI के शिकायत निवारण विभाग के बीएम पटनायक की शिकायत पर मामला दर्ज कराया गया है. जॉइंट कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) आलोक कुमार ने एफआईआर दर्ज करने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि UIDAI की ओर से साइबर सेल में IPC की धारा 419, 420, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कराया गया है. साथ ही एफआईआर में आईटी एक्ट और आधार कानून के प्रावधानों को भी जोड़ा गया है. एफआईआर में रिपोर्टर द्वारा मुख्य व्यक्ति अनिल कुमार और अन्य लोगों से संपर्क करने के तौर-तरीकों के बारे में भी बताया गया है. एफआईआर के मुताबिक, ‘इन लोगों (एफआईआर में दर्ज लोगों के नाम) ने आपराधिक षडयंत्र के तहत अनाधिकृत तरीके से आधार सिस्टम में घुसपैठ की. उनका ये कदम कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है.’ फिलहाल पुलिस केस की जांच कर रही है. ‘द ट्रिब्यून’ के प्रधान संपादक हरीश खरे ने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
क्या है मामला
‘द ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, महज 500 रुपये देकर आप किसी भी शख्स की निजी जानकारी हासिल कर सकते हैं. अखबार की खबर की पड़ताल में उन्हें एक एजेंट (जिसने अपना नाम अनिल कुमार बताया था) के बारे में पता लगा. अनिल ने रिपोर्टर से नाम, ई-मेल और मोबाइल नंबर मांगा जिसके बाद उसने एक नंबर दिया जिस पर पेटीएम के माध्यम से 500 रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया. पैसे चुकाने के बाद अनिल ने मात्र 10 मिनट में रिपोर्टर को एक गेटवे और लॉग-इन, पासवर्ड दिया. उसके बाद उन्हें सिर्फ आधार कार्ड का नंबर डालना था और उनकी स्क्रीन पर किसी भी भारतीय की निजी जानकारी मौजूद थी. 300 रुपये ज्यादा देने पर उन्हें उस आधार कार्ड की जानकारी का प्रिंटआउट निकलवाने का भी एक्सेस मिल गया. इसके लिए अलग से एक सॉफ्टवेयर था. काम पूरा होने के बाद अनिल ने तुरंत सॉफ्टवेयर डिलीट कर दिया. सॉफ्टवेयर की मदद से आधार कार्ड यूजर का नाम, पता, पिन कोड, फोटो, फोन नंबर, ई-मेल सभी जानकारी मिल रही है. खबर के अनुसार गिरोह के पास तकरीबन 100 करोड़ भारतीयों की आधार जानकारी है. इस खबर के वायरल होते ही UIDAI अधिकारी सामने आए और उन्होंने अखबार की खबर का खंडन करते हुए जांच की बात कही.
सुरक्षित नहीं है आपका आधार, महज 500 रुपये में बिक रही आपकी डिटेल!