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बालासाहेब का बेटा मुस्लिम समर्थक! वक्फ मामले पर उद्धव की बात सुन शिवसैनिक माथा पकड़ लेंगे

नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा का समर्थन करने और वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने का वादा किया है। उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि वक्फ संपत्तियों को छेड़ा नहीं जा सकता और उनकी पार्टी इस विधेयक का विरोध करेगी। ठाकरे के इस बयान के बाद मुसलमानों का विश्वास उनकी पार्टी के लिए बढ़ा है. वहीं उनके बीच यह विश्वास जागा है कि शिवसेना उनके हितों के लिए काम करेगी। बता दें, पार्टी यह समर्थन आगामी संसद मतदान में देखा जा सकता है, जहां उद्धव के सांसद इस बिल के खिलाफ वोट दे सकते हैं। हालांकि इससे पहले जब यह विधेयक पहली बार लोकसभा में पेश किया गया था और दौरान शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनुपस्थित रहे थे, जिसके चलते उन्हें मुस्लिम समुदाय की आलोचना का सामना करना पड़ा था।

अल्पसंख्यक समाज का विश्वास

कहा जा रहा है कि वक्फ संशोधन बिल का विरोध इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि उद्धव गुट को लोकसभा चुनाव में हिंदू और मराठी समुदाय के लोगों से उतने वोट नहीं मिले थे, जितने की उम्मीद जताई जा रही थी. वहीं इस बीच मुसलमानों ने महा विकास आघाड़ी और विशेषकर उद्धव ठाकरे की पार्टी से उतरे उमीदवारों का समर्थन किया था। इसके बाद वक्फ बिल जैसे संवेदनशील मुद्दे पर पार्टी की सक्रियता के कारण अल्पसंख्यक समाज का विश्वास शिवसेना की और बढ़ेगा। इस वजह से उद्धव ठाकरे ने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के प्रति समर्थन जताते हुए वक्फ अधिनियम में संशोधन का विरोध करने का संकल्प लिया है।

क्या है वक्फ संशोधन बिल?

केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया है। इस विधेयक के अनुसार, वक्फ संपत्ति घोषित होते ही उसका स्वामित्व व्यक्ति से वक्फ में स्थानांतरित हो जाता है और यह अपरिवर्तनीय हो जाती है। इसका मतलब यह है कि वह संपत्ति अल्लाह की मानी जाएगी। वक्फ ट्रिब्यूनल स्वामित्व विवादों से निपटता है, लेकिन वर्तमान प्रणाली में वक्फ ट्रिब्यूनल ही न्यायाधीश की भूमिका निभाता है और भूमि अधिग्रहण के मामलों में व्यक्तियों को स्वामित्व साबित करना पड़ता है।

8.7 लाख से अधिक संपत्तियां

विधेयक की आलोचना करते हुए उद्धव गुट ने वक्फ बोर्ड को समर्थन देने का निर्णय लिया है। वक्फ बोर्ड देश की तीसरी सबसे बड़ी भूमि धारक संस्था है, जिसके पास 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां हैं. वहीं इस सम्पत्तियों की कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक को हाल ही में संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था, जिसमें शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद सावंत भी शामिल हैं।

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Yashika Jandwani

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