मिड-डे मील के नाम पर मिल रहा हल्दी वाला चावल, भूख से परेशान हुए स्कूली बच्चे

मिड-डे मील के नाम पर मिल रहा हल्दी वाला चावल, भूख से परेशान हुए स्कूली बच्चे Turmeric rice mixed with turmeric is being served in the name of mid-day meal, school children are troubled by hunger

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मिड-डे मील के नाम पर मिल रहा हल्दी वाला चावल, भूख से परेशान हुए स्कूली बच्चे

Shweta Rajput

  • July 7, 2024 1:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

रायपुर: छत्तीसगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां बच्चों की ऐसी दुर्दशा देख कर आपका दिल भी पसीज जाएगा। दरअसल इस स्कूल में बच्चों को मिड-डे-मिल के नाम पर सिर्फ हल्दी वाला चावल दिया जा रहा है। जिसको खाने पर सभी बच्चे मजबूर हो गए हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

खाने के लिए मिल रहा हल्दी वाला चावल

जानकारी के अनुसार बच्चों को स्कूल में जो भोजन परोसा जाता है उसको लेकर बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। बच्चों को केवल चावल और हल्दी दिया जा रहा है। उनके खाने में ना तो कोई सब्जी परोसी जाती है, ना ही कोई दाल है। जिसके कारण सभी बच्चे इसी को खाने पर मजबूर हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ में वाड्रफनगर के स्थित बीजाकुरा प्राथमिक विद्यालय का है, जो कि सरकारी स्कूल पटेलपारा में स्थित है। इस स्कूल में कुल 43 छात्रों को मध्याह्न भोजन परोसा जाता है। इतना ही नहीं इस बात को अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि वे लगभग एक सप्ताह से स्कूल में सब्जी नहीं परोस रहे हैं।

क्या कहते हैं शिक्षक

इस मामले में स्कूल के शिक्षक का कहना है कि सप्लायर को बकाया नहीं दिया गया है। इसी के कारण बच्चों को सब्जी नहीं मिल पा रही है। स्कूल के प्रभारी प्रधान शिक्षक ने सब्जियों की कमी के लिए मध्याह्न भोजन आपूर्तिकर्ताओं द्वारा वितरण न करने को जिम्मेदार ठहराया है। जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने बच्चों के मिड-डे मील के लिए एक मेनू निर्धारित किया था। जिसके अनुसार बच्चों को पौष्टिक भोजन दिए जाने का वादा किया गया था। परंतु इस वादे के विपरीत खाने में बच्चों को केवल चावल में हल्दी मिलाकर खिलाई जा रही है। इस मामले में लापरवाही बरतने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी देवेंद्र नाथ मिश्रा ने तुरंत जांच करने के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इस मामले में रसोइया सुखिया देवी ने कहा कि वह जब सब्जियां मांगते हैं, तो आपूर्तिकर्ता उनसे बहाना कर देते हैं और कहते हैं कि उपलब्ध नहीं हैं।

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