देहरादून: उत्तराखंड के चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की सुरंग में 7 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की योजना को झटका लगा है. निकासी सुरंग के लिए स्टील पाइप को बिछाने के लिए चलाई जा रही ड्रिलिंग मशीन के कंपन से 17 नवंबर को इस क्षेत्र में डेंजर जोन बन गया था. जिसके […]
देहरादून: उत्तराखंड के चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की सुरंग में 7 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की योजना को झटका लगा है. निकासी सुरंग के लिए स्टील पाइप को बिछाने के लिए चलाई जा रही ड्रिलिंग मशीन के कंपन से 17 नवंबर को इस क्षेत्र में डेंजर जोन बन गया था. जिसके चलते बचाव अभियान का कार्य पूरी तरह रोक दिया गया. ऐसे में श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रणनीति में बदलाव करते हुए हारिजांटल और वर्टिकल बोरिंग के माध्यम से सुरंग के भीतर पहुंचने की कार्य योजना तैयार की गई. इसके लिए 5 जगह चिह्नित किया गया हैं जिसमें से दो जगहों पर कार्य शुरू कर दिया गया है।
18 नवंबर को सिलक्यारा पहुंची पीएमओ की टीम ने बचाव अभियान की कमान अपने हाथ में ले ली है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अधिकारियों के साथ बैठक में बचाव अभियान की समीक्षा की. राज्य में सरकार ने कार्यरत केंद्रीय संस्थानों के लिए वरिष्ठ आइएएस डा. नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने में हो रही देरी से अब उनके स्वजनों का सब्र टूटने लगा है।
उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए 16 नवंबर को लाई गई अमेरिकन औगर ड्रिलिंग मशीन से 60 मीटर लंबी निकासी सुरंग बनाने का काम शुरू हुआ था और 18 नवंबर तक करीब 30 मीटर सुरंग तैयार कर ली गई थी, लेकिन इस अभियान को जोरदार झटका तब लगा जब दोपहर के वक्त पहाड़ दरकने की तेज आवाज हुई. जिससे बचाव कार्य टीमों में हड़कंप मच गया और तुरंत बचाव अभियान को रोकना पड़ा।
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