देहरादून। उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में है। यहां फंसे 41 श्रमिकों तक आखिरी पाइप ले जाने के रास्ते में आई लोहे की जाली को काटकर निकाल दिया गया है। अब आखिरी पाइप डाला जा रहा है, इसके जरिए मजदूरों को बाहर लाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बता […]
देहरादून। उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में है। यहां फंसे 41 श्रमिकों तक आखिरी पाइप ले जाने के रास्ते में आई लोहे की जाली को काटकर निकाल दिया गया है। अब आखिरी पाइप डाला जा रहा है, इसके जरिए मजदूरों को बाहर लाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि इस पाइप का रेडियस 80 सेंटीमीटर है, जिसमें आसानी से रेंगते हुए मजदूर बाहर आ सकेंगे और एनडीआरएफ की टीम भी अंदर जाकर उनको सुरक्षित ले आ सकेगी।
आज गुरुवार (23 नवम्बर) को बचाव अभियान का 12वां दिन है। आज किसी भी समय मजदूरों को बाहर निकलने का काम शुरू हो सकता है। हालांकि अभी बचावकर्मियों ने कोई समय सीमा नहीं बताई है। गुरुवार सुबह ड्रिलिंग में बाधा आई थी, क्योंकि अमेरिका निर्मित आगर मशीन के रास्ते में एक लोहे की जाली आ गई थी। 6 घंटे की मशक्कत के बाद अब जाली को काटकर हटा दिया गया है और ड्रिलिंग का काम दोबारा शुरू हो गया है।
टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए आखिरी 12 मीटर तक पाइप डालने का काम चल रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पाइप की राह में बाधा डालने वाली लोहे की जाली को काटकर निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम 45 मीटर के निशान से 6 मीटर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। कल रात 45 मीटर तक की ड्रिलिंग हो गई थी, जिसके बाद पाइप की राह में लोहे की जाली आने के कारण काम रोकना पड़ा था। उन्होंने कहा कि अब हमें उम्मीद है कि आगे हमारे रास्ते में कोई भी बाधा नहीं आएगी।