बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक लड़का तिरंगा फाड़ते हुए बोल रहा था, 'पक्का मुसलमान हूं.' इसके बाद कुछ और वीडियो वायरल हुए और उन वीडियो में उसी लड़के को पकड़े हुए दिखाया गया. ये था उस लड़के के मुसलमान होने का सच.
सूरतः सोशल मीडिया, एक ऐसा माध्यम जिसके जरिए तरह-तरह की ज्ञानवर्धक सामग्री का प्रचार-प्रसार होता है. मगर कई बार इसकी मदद से समाज में नफरत फैलाने वाले मैसेज और वीडियो भी फैलाए जाते हैं और देश की फिजा को खराब किया जाता है. हाल ही में एक लड़के का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें वह कागज रूपी तिरंगा फाड़ते हुए कहता है, ‘पक्का मुसलमान हूं.’ वीडियो की पड़ताल में जो सच सामने निकलकर आया वह काफी चौंकाने वाला है.
मिली जानकारी के अनुसार, यह वीडियो गुजरात के अमरोली के रहने वाले दो लड़कों की कारस्तानी थी. दोनों ही किशोरों ने मस्ती-मजाक के मकसद से यह वीडियो बनाया था लेकिन दोनों ही इसके दुष्परिणामों से अनजान थे. सूरत के अमरोली के रहने वाले युवक ने तिरंगे को फाड़ते हुए कहा कि वह पक्का मुसलमान है. उसका दोस्त यह वीडियो शूट कर रहा था. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही उन्हें पकड़ लिया गया और इसके बाद उनकी पिटाई का भी वीडियो वायरल हुआ. अमरोली पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जी.ए. पटेल ने बताया कि दोनों ही लड़के हिंदू हैं और उन्होंने अपने कृत्य के लिए माफी मांगी है.
इस वीडियो को अभी तक हजारों लोग शेयर कर चुके हैं. लड़के के पकड़े जाने के बाद भी एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग उसे तिरंगे से माफी मंगवाते हुए पीट रहे हैं. आरोपी के परिजनों ने भी उसकी इस हरकत के लिए माफी मांगी है. गौरतलब है कि जिस तरह मस्ती-मजाक में उस लड़के ने खुद को मुसलमान बताते हुए तिरंगा फाड़ा, जाहिर सी बात है कि इससे दो समुदायों के बीच एक पल के लिए तनाव की स्थिति जरूर पैदा हो सकती थी. व्हॉट्एप, फेसबुक, ट्विटर के जरिए आपको भी नफरत फैलाने वाले तमाम फोटो और वीडियो मिलते होंगे लेकिन उन पर प्रतिक्रिया देने से पहले उसकी सच्चाई के बारे में जानना भी आपके लिए बेहद जरूरी है.
https://twitter.com/AnuMishraBJP/status/1031453026052202497
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