नई दिल्ली: कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। आरोपी संजय रॉय, जो कि एक सिविल वॉलंटियर था, की करतूतें अब सामने आ रही हैं, जो और भी चौंकाने वाली हैं। एक ऐसा शख्स जिसने कई शादियां कीं, लेकिन एक भी टिक नहीं पाई। कई लड़कियों के साथ उसने दरिंदगी की और उन्हें छोड़ दिया। उसके फोन में सैकड़ों अश्लील वीडियो मिले हैं, जो उसके टेढ़ी-मेढ़ी मानसिकता का परिचय देती हैं।
संजय रॉय कोलकाता पुलिस के डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के साथ सिविल वॉलंटियर के तौर पर काम करता था। इसके लिए उसे मात्र 12,000 रुपये की तनख्वाह मिलती थी। लेकिन उसकी पहुंच पुलिस के कई थानों तक थी और अधिकारी उसे अच्छी तरह जानते थे। इसी का फायदा उठाकर उसने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी।
सूत्रों के मुताबिक, संजय रॉय अस्पताल में चल रहे रिश्वत के रैकेट का भी हिस्सा था। वह मरीजों को भर्ती कराने के लिए लाता था और बदले में उनके परिजनों से मोटी रकम वसूलता था। अगर मरीज को सरकारी अस्पताल में बेड नहीं मिलता था, तो वह बगल के नर्सिंग होम में बेड दिलवाने का काम करता था और इसके लिए भी मोटी रकम वसूलता था।
संजय रॉय सिर्फ एक सिविल वॉलंटियर था, लेकिन वह खुद को कोलकाता पुलिस का जवान बताता था। यहां तक कि वह “KP” लिखी टी-शर्ट पहनकर घूमता था और उसकी बाइक पर भी “KP” का टैग लगा हुआ था। वह पुलिस बैरक में ही रहता था और आला अधिकारियों के साथ उसके अच्छे संबंध थे। कहा जा रहा है कि वह पुलिस को अवैध वसूली में भी मदद करता था।
संजय रॉय का महिलाओं के साथ क्रूरता का लंबा इतिहास रहा है। उसने चार शादियां कीं, लेकिन तीन पत्नियों ने उसे उसके गलत आचरण के कारण छोड़ दिया। उसकी चौथी पत्नी की पिछले साल कैंसर से मौत हो गई थी, लेकिन पड़ोसियों का कहना है कि संजय उसे भी मारता-पीटता था और दुर्व्यवहार करता था
पुलिस जांच में संजय के फोन में कई अश्लील वीडियो मिले हैं। हत्या और दुष्कर्म के बाद संजय अपने घर गया और चैन की नींद सोया। जागने के बाद उसने सबूत मिटाने की कोशिश की, खून से सने कपड़े धोए, लेकिन पुलिस को उसके जूतों पर खून के धब्बे मिल गए। संजय ने पुलिस के सामने बर्बरता की बात कबूल कर ली है, लेकिन उसे कोई पछतावा नहीं है। उसने कहा, “मैंने ही ये सब किया है, चाहो तो मुझे फांसी पर लटका दो।”
महिला डॉक्टर के पिता का आरोप है कि अस्पताल के अंदर ही उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई, जबकि वहां कई लोग मौजूद थे। लेकिन कोई भी उनकी बेटी को बचा नहीं सका। इस घटना ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह कहानी सिर्फ एक अपराधी की नहीं, बल्कि उस व्यवस्था की भी है जो ऐसे दरिंदों को पनपने का मौका देती है। संजय रॉय जैसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की बर्बरता का शिकार न हो।
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