नई दिल्ली: त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को और खराब हो गई. जिसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई, जबकि कई लापता बताई जा रही है. वहीं अब तक 450 राहत शिविरों में 65,400 लोगों को आश्रय दिया गया है और राज्य सरकार ने कहा कि बाढ़ की स्थिति के कारण 37 लाख आबादी में से सात लाख लोग प्रभावित हैं.
सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि बाढ़ की भयावह स्थिति के बीच भी राज्य में कहीं भी ईंधन, भोजन या अन्य आवश्यक वस्तुओं का कोई संकट नहीं है. गुरुवार शाम को जारी एक बयान में राज्य सरकार के राहत, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्टों से घरों, पशुओं को नुकसान के साथ-साथ भौतिक बुनियादी ढांचे और कृषि फसलों को व्यापक नुकसान का पता चलता है. वास्तविक आंकड़े फील्ड मूल्यांकन पूरा होने के बाद ही पता चलेंगे.
राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए राजस्व सचिव ब्रिजेश पांडे ने कहा कि सरकार ने व्यापक बचाव और राहत अभियान शुरू किया है. हालांकि आम लोगों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं बल्कि शांत रहें और राज्य और जिला प्रशासन के साथ सहयोग करें. हम उनसे प्रशासन की सलाह के अनुसार सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का आग्रह करते हैं. हम इस आपदा की स्थिति में लोगों की जान बचाने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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