इम्फाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है. यहां से एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाओं को नग्न अवस्था में भीड़ ले जाती हुई दिख रही है. वीडियो वायरल होने के बाद से आदिवासी समूह भड़क उठे हैं. कई आदिवासी समूहों ने अलग प्रशासन की […]
इम्फाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है. यहां से एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाओं को नग्न अवस्था में भीड़ ले जाती हुई दिख रही है. वीडियो वायरल होने के बाद से आदिवासी समूह भड़क उठे हैं. कई आदिवासी समूहों ने अलग प्रशासन की मांग की है.
बता दें कि बुधवार रात को एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है. ये वीडियो बीते 4 मई का बताया जा रहा है. वीडियो के सामने आते ही विपक्षी पार्टियां सरकार को घेर रही हैं. इस पूरे हंगामे के बाद से मुख्य आरोपी को पकड़ लिया गया है. इस पूरे मामले को लेकर पीएम मोदी ने भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारे हृदय में बहुत पीड़ा है. गुनहगार बख्शे नहीं जाएंगे.
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्य में मैतेई समुदाय के लोग जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं. इस मुद्दे पर विचार करने के लिए हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था. लेकिन इस कोर्ट के इस रुख के बाद से नगा और कुकी जनजाति समुदाय भड़क उठा. पहले विरोध प्रदर्शन से शुरु हुआ और फिर गतिरोध बढ़ने के साथ ही प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया. मणिपुर में मुख्य रूप से कुकी जनजाति समूह और मैतई (गैर जनजाति समूह) के बीच लड़ाई है. ये लड़ाई अब खूनी हिंसा का रूप ले चुकी है.
गुरुवार के दिन स्वदेशी जनजातीय नेता मंच यानी आईटीएलएफ ने एक मार्च निकाला है. ये कई जनजातियों का समूह है, जो कि मैतई को जनजाति का दर्जा दिलाने के खिलाफ है. मार्च में वायरल वीडियो के प्रति गुस्सा जाहिर किया गया और पूर्वोत्तर राज्य में जनजातियों के लिए अलग प्रशासन की मांग की है.