लखनऊ: अब यमुना एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर नहीं चल सकेंगे. यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने ट्रैक्टरों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है.अथॉरिटी के इस कदम के बाद किसान चिंतित हैं. वे इस फैसले के विरोध की रणनीति बना रहे हैं. हालांकि, अथॉरिटी ने यह भी तय किया है कि जिन किसानों की जमीन इस एक्सप्रेसवे में खरीदी गई है, उन्हें इससे छूट मिलेगी. वे अपना ट्रैक्टर एक्सप्रेसवे पर ले जा सकेंगे.
अगर कोई ट्रैक्टर इस एक्सप्रेस-वे पर पहुंच रहा है तो टोल कर्मी उसे टोल पार करने से पहले ही वापस लौटा दे रहे हैं. कई टोल प्लाजा पर इसे लेकर बहस भी हो रही है. यमुना एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से हादसों का खतरा बना हुआ था. अथॉरिटी अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली की गति एक्सप्रेस-वे पर चल रहे अन्य वाहनों की तुलना में काफी धीमी थी. इसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। टोल प्लाजा मांट के प्रबंधक देवेन्द्र सिंह ने बताया कि आदेश मिलने के बाद एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टरों को चलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
मथुरा से एक्सप्रेसवे के माध्यम से NCR में ईंटों और रेत सहित निर्माण सामग्री की मजबूत आपूर्ति होती है. इसका मुख्य माध्यम ट्रैक्टर-ट्रॉली है. वहीं किसानों का कहना है कि जो लोग इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं उन पर लगाम लगनी चाहिए, लेकिन अगर किसान अपने काम के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर जा रहा है तो उसे एक्सप्रेस-वे पर रोकना पूरी तरह से गलत है. किसान नेता रामवीर सिंह तोमर ने अथॉरिटी के इस फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि इस फैसले से किसानों को भारी नुकसान होगा. किसानों को अपनी फसल बाजार तक ले जाने में दिक्कत होगी. किसानों पर खर्च का बोझ बढ़ेगा. इसलिए अथॉरिटी को यह फैसला वापस लेना चाहिए और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर टोल शुल्क माफ किया जाए।
जेवर टोल प्लाजा मैनेजर जेके शर्मा ने बताया कि आदेश मिलने के बाद तत्काल एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले ट्रैक्टरों पर रोक लगाई जा रही है. इसके बाद भी कुछ ट्रैक्टर चालक जबरन ट्रैक्टर को एक्सप्रेस-वे से ले जाने की कोशिश करते हैं। ऐसे ट्रैक्टर चालकों को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन की भी मदद ली जा रही है.
एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के संचालन पर रोक लगा दी गई है. सभी टोल कर्मियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित है. जबकि भारी वाहनों के लिए रफ्तार सीमा 80 किमी प्रति घंटा है. हालांकि यह अधिकतम गति सीमा है पर यहां ज्यादा धीमा चलना भी घातक साबित हो जाता है.
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