भोपाल: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपनी तस्वीर साफ कर दी है. वहीं सीएम मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन-आलोट लोकसभा सीट से विधायक महेश परमार को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. सीएम के गृह जिले से महेश परमार को मैदान में उतरने के पीछे कई वजह हैं. इस बार […]
भोपाल: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपनी तस्वीर साफ कर दी है. वहीं सीएम मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन-आलोट लोकसभा सीट से विधायक महेश परमार को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. सीएम के गृह जिले से महेश परमार को मैदान में उतरने के पीछे कई वजह हैं. इस बार कांग्रेस सोची समझी रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है।
उज्जैन लोकसभा सीट को शुरू से ही भाजपा का गढ़ माना जाता है. हालांकि कांग्रेस ने कई बार भारतीय जनता पार्टी के गढ़ में सेंध भी लगा दी है. इस बार भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना मजबूत दावा पेश कर रही है. दूसरी तरफ भाजपा को पूरा भरोसा है कि बीजेपी उम्मीदवार अनिल फिरोजिया को दूसरी बार सेवा करने का मौका मिलेगा।
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार महेश परमार और भाजपा उम्मीदवार अनिल फिरोजिया तराना विधानसभा सीट से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. उस समय अनिल फिरोजिया चुनाव हार गया था. अब इस बार चुनाव जीतने के लिए भाजपा पूरी ताकत लगा रही है. भाजपा उम्मीदवार अनिल फिरोजिया का कहना है कि इस बार पुराना हिसाब किताब पूरा बराबर हो जाएगा, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार महेश परमार का कहना है कि इस चुनाव में भी कांग्रेस की ही जीत होगी।
कांग्रेस ने उज्जैन आलोट सीट पर महेश परमार को ही टिकट देकर मैदान में क्यों उतरा है? यह सवाल कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके पहले महेश परमार विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. दरअसल इस सीट पर बलाई समाज के काफी संख्या में मतदाता है. ऐसे में कांग्रेस को विश्वास है कि महेश परमार के उतरने से सामाजिक तौर पर उन्हें लाभ मिलेगा।
Meerut News: मेरठ में बड़ा हादसा, चार्जिंग के दौरान मोबाइल में ब्लास्ट; चार बच्चों की मौत