नई दिल्ली, अब जहांगीरपुरी हिंसा मामले में एक और आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके साथ अब कुल 21 आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं. जिनमें से 14 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. बता दें, हिंसा के आरोपियों में से 2 नाबालिग भी बताए जा रहे हैं.
अब तक मामले में कुल 21 आरोपियों में से 12 को न्यायिक हिरासत में भेजे जा चुके हैं. अब मामले की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है. बता दें, पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 5 तलवारों सहित 3 पिस्टल भी बरामद किये हैं. पूरी हिंसा का नामजद आरोपी और हिंसा का मास्टरमाइंड अंसार बताया जा रहा है. अंसार की उम्र 35 वर्ष है और इसका नाम पहले भी कई मुख्य घटनाओं में सामने आ चुका है. इससे पहले अंसार पर 2 और भी मामले दर्ज़ हैं. अंसार जहांगीरपुरी के बी ब्लॉक का रहने वाला है. इसके अलावा, अंसार के खिलाफ पहले आर्म्स एक्ट और जुआ अधिनियम के तहत 5 बार मामला दर्ज किया जा चुका है.
प्राथमिकी में बताया गया है- थाना जहांगीरपुरी क्षेत्र में हनुमान जन्मोत्सव का जुलूस निकाला जा रहा था. जुलूस शनिवार शाम 04:15 बजे जहांगीरपुरी से शुरू हुआ, जो बीजेआरएम अस्पताल रोड, बीसी मार्केट, कुशाल चौक होते हुए महेंद्र पार्क में समाप्त होना था. जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था.
शाम करीब छह बजे जैसे ही बारात जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का शख्स अपने 4-5 साथियों के साथ आया और जुलूस में शामिल लोगों से बहस करने लगा. विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया, जिससे जुलूस में भगदड़ मच गई.
हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को पथराव रोकने व शांति बनाए रखने के लिए राजी करने के बाद अलग कर दिया. कुछ देर बाद अचानक दोनों ओर से नारेबाजी और पथराव शुरू हो गया. स्थिति को बिगड़ता देख पुलिस बल को बुलाया गया.
शनिवार को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस भी अपने फुल एक्शन मोड में आ चुकी है. हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा अलग-अलग 10 टीमों को गठित किया गया था. अब मामला क्राइम ब्रांच ने अपने हाथों में ले लिया है. जहां अब तक कुल 21 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. इन आरोपितों में से अंसार के मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड होने की खबर आ रही है. जहां हिंसा में पुलिस ने दंगे, हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. इस घटना में 9 लोगों के घायल होने की खबर थी जिसमें से एक आम व्यक्ति और बाकी के 8 मौके पर तैनात पुलिस कर्मचारी थे.