लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में गुरूवार का दिन इतिहास बन गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की पूरी कैबिनेट पहली बार एक साथ रामलला के चरणों में पहुंची। वहीं अयोध्या में पहली बार कैबिनेट मीटिंग का आयोजन कर सरकार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को भी धार भी देगी। मंत्रियों के साथ किया दर्शन-पूजन […]
लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में गुरूवार का दिन इतिहास बन गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की पूरी कैबिनेट पहली बार एक साथ रामलला के चरणों में पहुंची। वहीं अयोध्या में पहली बार कैबिनेट मीटिंग का आयोजन कर सरकार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को भी धार भी देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरूवार सुबह 11 बजे अयोध्या स्थित रामकथा पार्क पहुंचें। उनके नेतृत्व में कैबिनेट के सभी सदस्यों ने हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन किया। इसके बाद सभी ने श्री राम जन्मभूमि परिसर का पूजन एवं श्री रामलला विराजमान मंदिर में दर्शन और पूजन किया। मुख्यमंत्री योगी के साथ सरकार के मंत्री दीपोत्सव की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे। बता दें कि कैबिनेट बैठक में सरकार के दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ मंत्री मौजूद हैं।
बता दें कि वर्ष 2019 में कुंभ मेला के दौरान प्रयागराज में भी मंत्रिमंडल की बैठक की गयी थी। तब कैबिनेट के सभी सदस्यों ने संगम में पुण्य स्नान भी किया था। इसके अलावा वाराणसी में भी मंत्रीपरिषद की बैठक हो चुकी है।
राजधानी लखनऊ के बाहर प्रयागराज के बाद अब अयोध्या में हो रही कैबिनेट बैठक में बीजेपी धार्मिक एजेंडे को धार देगी। इस मीटिंग में अयोध्या तीर्थ विकास परिषद, देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद और मुजफ्फरनगर के शुक्रताल धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन को हरी झंडी मिल सकती है। इन तीनों ही विकास परिषद में सीएम अध्यक्ष बनाए जाएंगे। कैबिनेट बैठक में इन विधेयकों को पास करने के बाद नवंबर के आखिर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इन्हें रखा जाएगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन पर भी इस बैठक में फैसला हो सकता है।