नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति मंदिर के प्रसाद में गाय और मछली की चार्मी मिलने के बाद राजनीति गरमा गई है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 28 सितंबर को तिरुमाला मंदिर की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। यह कदम सुरक्षा चिंताओं और विपक्षी नेताओं […]
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति मंदिर के प्रसाद में गाय और मछली की चार्मी मिलने के बाद राजनीति गरमा गई है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 28 सितंबर को तिरुमाला मंदिर की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। यह कदम सुरक्षा चिंताओं और विपक्षी नेताओं की ओर से ‘आस्था की घोषणा’ की मांग के बीच उठाया गया है।
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, “मैंने कभी किसी राजनीतिक दल को मंदिर में मेरी यात्रा में बाधा डालते नहीं देखा। मेरी जाति और धर्म को लेकर बार-बार सवाल उठाए गए हैं। मैं घर पर बाइबिल पढ़ता हूं, लेकिन हिंदू धर्म, इस्लाम और सिख धर्म का भी सम्मान करता हूं। मेरा धर्म मानवता है। अगर मुख्यमंत्री जैसे कद के व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है, तो दलितों के साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा?”
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम नियमों के अनुसार, गैर-हिंदू को मंदिर में प्रवेश करने के लिए घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना पड़ता है। भाजपा नेता यामिनी शर्मा सदीनेनी ने जगन मोहन रेड्डी के बयानों को लेकर उन पर निशाना साधा है। वह कहती हैं, “एक तरफ तो वह कह रहे हैं कि वह हिंदू हैं लेकिन उनकी पत्नी ईसाई हैं। तो अगर आप सच्चे हिंदू हैं तो आपको कौन रोक रहा है और आपको घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से क्या रोक रहा है? दूसरी बात,
वाईएसआरसीपी नेताओं ने झूठा दावा किया है कि गठबंधन दलों ने जगन मोहन रेड्डी पर हमले की योजना बनाई है जिसके लिए राज्य सरकार और पुलिस ने वाईएसआरसीपी नेताओं को नोटिस जारी किया है और उनसे तिरुमाला की उनकी यात्रा के दौरान उनके साथ न जाने को कहा है। यह पूरी तरह से झूठ है।”
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