UP: लखनऊ सिविल कोर्ट में गोलीकांड की घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित

लखनऊ। राजधानी के कोर्ट परिसर में मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव माहेश्वरी यानी संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. अब कोर्ट परिसर में हुए दिनदहाड़े हत्याकांड के बाद तीन सदस्यीय एसआईटी टीम को गठित किया गया है. इस एसआईटी में एडीजी टेक्निकल मोहत अग्रवाल, ज्वाइंट सीपी नीलाब्जा चौधरी और अयोध्या के […]

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UP: लखनऊ सिविल कोर्ट में गोलीकांड की घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित

SAURABH CHATURVEDI

  • June 7, 2023 7:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ। राजधानी के कोर्ट परिसर में मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव माहेश्वरी यानी संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. अब कोर्ट परिसर में हुए दिनदहाड़े हत्याकांड के बाद तीन सदस्यीय एसआईटी टीम को गठित किया गया है. इस एसआईटी में एडीजी टेक्निकल मोहत अग्रवाल, ज्वाइंट सीपी नीलाब्जा चौधरी और अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार शामिल हैं.

पुलिस कस्टडी में संजीव जीवा की हत्या

पुलिस कस्टडी में हुई इस हत्या ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बता दें, कोर्ट परिसर मे हुए गोलीकांड को अंजाम देने वाले हमलावर वकील बनकर आए थे. इस पूरे हत्याकांड को जानने से पहले आपके लिए ये जान लेना जरूरी है कि आखिर कौन है संजीव जीवा जिसे माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी कहा जाता है.

सुशील मूंछ से गैंगवार

जीवा माफिया मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर है. 5 फीट 7 इंच लंबा संजीव जीवा मुजफ्फरनगर का निवासी है. वह मूल रूप से शाहपुर थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव का रहने वाला है जिसका हालिया पता प्रेमपुरी, थाना कोतवाली मुजफ्फरनगर बन गया है. दिल्ली के सोनिया विहार में उसका एक अस्थाई मकान भी है. जानकारी के अनुसार संजीव जीवा ने 12वीं तक पढाई की थी. वर्तमान में वह जिला कारागार लखनऊ में बंद था. संजीव जीवा एक कुख्यात अपराधी है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहा था. सुशील मूंछ और संजीव जीवा के बीच अक्सर ही लड़ाई देने को मिलती थी. ये लड़ाई प्रॉपर्टी पर अवैध कब्ज़ों और रंगदारी को लेकर थी.

इस गैंग से जुड़ा संजीव जीवा का नाम

दरअसल साल 2006-07 में जीवा गैंग ने सुशील गैंग के हरवीर सिंह की हत्या को अंजाम दिया था जिसे लेकर दोनों गैंग के बीच तनाव जारी है. जीवा ज्वालापुर हरिद्वार के निवासी नाज़िम के लिए काम करता था. उसी के गैंग में रहकर जीवा ने अपराध की ABCD सीखी. नाजिम समेत संजीव जीवा, सतेंद्र, बलवेंद्र, जितेंद्र उर्फ भूरी, पवन, अमरजीत उर्फ बबलू, रमेश ठाकुर इस गैंग के मुख्य सदस्य थे जो हरिद्वार, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और इसके आस-पास के इलाकों में अपहरण, डकैती, हत्या व लूट आदि जैसे अपराध किया करते थे.

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