Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • पर्यावरण को खतरा, अभी नहीं रोका तो दोबारा बन सकते है केदारनाथ आपदा जैसे हालात

पर्यावरण को खतरा, अभी नहीं रोका तो दोबारा बन सकते है केदारनाथ आपदा जैसे हालात

देहरादून: केदारनाथ के पवित्र धाम के आसपास भारी मात्रा में जमा हो रहे कचरे को लेकर पर्यावरण प्रेमियों की चिंता बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित एक एनवायरमेंटलिस्ट, अमित गुप्ता द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से पता चला है कि 2022 से 2024 के बीच केदारनाथ में 49.18 टन […]

Advertisement
Kedarnath, Kedarnath disaster, Environment
  • November 8, 2024 11:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

देहरादून: केदारनाथ के पवित्र धाम के आसपास भारी मात्रा में जमा हो रहे कचरे को लेकर पर्यावरण प्रेमियों की चिंता बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित एक एनवायरमेंटलिस्ट, अमित गुप्ता द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से पता चला है कि 2022 से 2024 के बीच केदारनाथ में 49.18 टन कचरा जमा हुआ है, जिसे मंदिर के पास बने दो गड्ढों में डाला गया है। इनमें 23.30 टन अकार्बनिक कचरा भी शामिल है, जो कि पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है।

मंदिर के पास गड्ढे कचरों से भरे

केदारनाथ नगर पंचायत से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 13.20 टन, 2023 में 18.48 टन और 2024 में अब तक 17.50 टन कचरा उत्पन्न हुआ है। एनवायरमेंटलिस्ट गुप्ता का कहना है कि इन आंकड़ों से साफ है कि क्षेत्र में कूड़ा प्रबंधन प्रणाली का अभाव है। उनका दावा है कि मंदिर के पास बनाए गए दोनों गड्ढे लगभग भर चुके हैं और यदि उचित व्यवस्था नहीं की गई तो भविष्य में 2013 जैसी त्रासदी की आशंका है। गुप्ता ने यह भी बताया कि कूड़े का प्रबंधन ठीक तरीके से नहीं किया गया है और इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी “मन की बात” में केदारनाथ में कूड़े प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया था. हालांकि आरटीआई में मिले जवाब के अनुसार, प्लास्टिक कचरे को मैदान तक लाने और पुनर्चक्रण करने के प्रयासों में अभी भी कमी है। गुप्ता ने बताया कि वे पिछले दो वर्षों से संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे पर पत्र भेजते रहे हैं और कम से कम आधा दर्जन शिकायतें भी दर्ज करवाई हैं, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। गंगा मिशन ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मंदाकिनी नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। शिकायत के अनुसार, केदारनाथ का कचरा सीधे मंदाकिनी नदी में बहाया जा रहा है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।

ये भी पढ़ें: देहरादून से लखनऊ जा रही वंदे भारत ट्रेन पर हुई पत्थरबाजी, कोच का टूटा शीशा

Advertisement