रुश्दी पर हमले के बाद नुपूर शर्मा पर बढ़ा खतरा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

नई दिल्ली, अमेरिका में सलमान रुश्दी पर हमले के बाद भारत में खुफिया एजेंसियां नुपूर शर्मा की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गई हैं. गौरतलब है अलकायदा की तरफ से मुस्लिमों से नुपूर शर्मा के बयान पर न्याय की बात कही गई थी, वहीं बीते दिनों नुपूर शर्मा का समर्थन करने वालों की हत्या भी […]

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रुश्दी पर हमले के बाद नुपूर शर्मा पर बढ़ा खतरा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

Aanchal Pandey

  • August 15, 2022 6:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, अमेरिका में सलमान रुश्दी पर हमले के बाद भारत में खुफिया एजेंसियां नुपूर शर्मा की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गई हैं. गौरतलब है अलकायदा की तरफ से मुस्लिमों से नुपूर शर्मा के बयान पर न्याय की बात कही गई थी, वहीं बीते दिनों नुपूर शर्मा का समर्थन करने वालों की हत्या भी कर दी गई थी. भारतीय उपमहाद्वीप में मौजूद अलकायदा (एक्यूआईएस) ने जून में अपने एक प्रवक्ता के जरिए एक स्टेटमेंट जारी किया गया था, जिसमें नुपूर के पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान का बदला लिए जाने की बात कही गई थी.

वहीं, जब से सलमान रुश्दी पर हमला हुआ है तब से भारत में खुफिया एजेंसियां नुपूर शर्मा की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गई हैं.

2001 में की थी शिकायत

द न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2001 में, रुश्दी ने सार्वजनिक रूप से अपने आसपास बहुत अधिक सुरक्षा होने की शिकायत की थी. प्राग राइटर्स फेस्टिवल में भाग लेने के दौरान, उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, “यहां मेरे चारों ओर सुरक्षा का एक बड़ा घेराव होना वास्तव में थोड़ा शर्मनाक महसूस करता है, मुझे लगता है कि यह वास्तव में अनावश्यक और अत्यधिक था, मुझसे इतनी सुरक्षा की ज़रूरत नहीं है.”

रुश्दी पर इनाम

रुश्दी किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ईरान में 1988 से बैन है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं, इसे लेकर रुश्दी को धमकी भी दी गई थी. इसके ठीक एक साल बाद, ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी किया था, जिसमें रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था, इतना ही नहीं, फतवा में रुश्दी को मारने वाले को 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम देने की बात भी कही गई थी. ईरान की सरकार ने लंबे समय से खुमैनी के फरमान से खुद को दूर कर लिया है, लेकिन रुश्दी विरोधी भावना अब भी रखती है. साल 2012 में, एक अर्ध-आधिकारिक ईरानी धार्मिक फाउंडेशन ने रुश्दी को मारने के लिए इनाम को 2.8 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3.3 मिलियन डॉलर कर दिया.

 

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