पटना की अमृता सिंह ने बिहार में पहला सैनिटरी नैपकीन बैंक खोला है. उन्होंने बताया कि रेड क्रॉस संस्था से जुड़कर उन्होंने लोगों को हेल्थ और हाइजिन को लेकर भी लोगों को जागरूक किया.
पटना. हाल ही में आई अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन में महिलाओं को होने वाली महावारी के बारे में लोगों को जागरुक करने की कोशिश की गई. जहां इस मुद्दे पर आज भी लोग बात करने में शरमाते हैं वहीं इस फिल्म के बाद से बहुत से लोगों ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर जागरुकता की मुहीम छेड़ी. लेकिन पटना की अमृता सिंह ने इसके लिए जो किया वह सबसे अलग और अनोखा है. दरअसल पैडमैन की तरह अमृता पैड वूमेन बन गई हैं. अमृता सिंह पीरियड, सैनिटरी पैड, हेल्थ एंड हाइजिन को लेकर काफी सराहनीय काम कर रही हैं. अमृता ने बिहार में पहला सैनिटरी नैपकिन बैंक खोला है. एक न्यूज बेवसाइट से बातचीत में बताया कि 5 साल पहले 2012 में स्लम बस्तियों में लोगों को पढ़ाने के दौरान उन्होंने देखा कि वहां के लोगों में हेल्थ और हाइजिन को लेकर बिलकुल भी समझ नहीं है. तभी उन्होंने निश्चय किया कि वे इसपर काम करेंगी.
अमृता ने बताया कि ‘रेड क्रॉस संस्था से जुड़कर हमने लोगों को हेल्थ और हाइजिन को लेकर भी लोगों को जागरूक किया. वहां हमने देखा कि महिलाओं में 99 प्रतिशत बीमारी माहवारी के समय होने वाली गन्दगी से होती है. फिर हमने सोचा कि हम महिलाओं को पैड देंगे. हमने दिया भी. लेकिन रेड क्रॉस से मिला पैड कपड़े का बना होता था. जिसका महिलाएं मिस यूज़ करने लगी. हमें लगा कि इस पर और अच्छे तरीके से काम करना चाहिये. हमने फिर से रीप्लान किया और 2017 में एक टीम बनाकर सुचारू रूप से काम शुरू किया.’
अमृता ने बताया कि उन्होंने सैनेटरी बड़े मैन्युफैक्चरर्स से बात की और उनसे थोक में नैपकिंस मंगाना शुरु किया. अमृता बताती है कि इस प्लान को 5 साल के लिए तैयार किया गया है जिसमें नैपकिन प्रोवाइड करने के साथ लाभार्थियों को पासबुक भी दी जाएगी. इसमें हर पैकेट को देने के साथ हम पासबुक में उसकी एंट्री भी करेंगे. हम मार्केट रेट से बहुत ही कम मूल्य में पैड देंगे.
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