September 29, 2024
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ये स्थान बनेगा अगला जोशीमठ, बना हुआ है डूबने का जोखिम!

ये स्थान बनेगा अगला जोशीमठ, बना हुआ है डूबने का जोखिम!

देहरादून। भारत के पर्यावरणविदों द्वारा दशको पहले जोशीमठ को चिन्हित कर लिया गया था, कि भविष्य में इस शहर के डूबने या धंसने की संभावना है। इसके बाद यहां के सैकड़ों घरों में दरारे आने की घटना सामने आई।

दशको पहले पर्यावरणविदों ने दी थी चेतावनी

जोशीमठ जो कि चीन की सीमा से लगने वाला बांधों, सड़कों और अन्य सैन्य स्थलों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है। पर्वत पारिस्थितिकी के नाजुक खतरों को उजागर कर रहा है। इस शहर को पर्यावरणविदों द्वारों दशकों पहले चिन्हित कर लिया गया था और आज ये शहर धंस रहा है। इस शहर के धंसने से यहां सैकड़ों घरों में दरारें आ रही हैं।

12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर धंसी जोशीमठ की जमीन

जोशीमठ की तरह ऐसे कई शहर हैं जो पुराने भूस्खलन के मलबे पर बनी हुई है। ये कस्बे पहले ही प्राकृतिक तनाव में हैं और अब इस क्षेत्र में मानव निर्मित निर्माण और तनाव बना रहे हैं। जोशीमठ के जमीन की धंसने की घटना 1970 से शुरु हुई थी। वहीं इधर बीच 12 दिनों के अंदर यहां पर 5.4 सेंटीमीटर जमीन धंस गई है।

जोशीमठ के साथ ही उत्तराखंड के कुछ और स्थान भी ऐसे हैं, जहां पर भविष्य में भू धंसाव का खतरा बना हुआ है।

टिहरी

इस क्षेत्र के कुछ घरों में दरारें आई हैं। टिहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा बांध है और सबसे बड़ी पनबिजली परियोजनाओं में से एक है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। यहां पर चल रही लगातार परियोजनाओं के कारण वैज्ञानिकों ने पर्यावरणीय समस्याओं को लेकर चिंता जताई है।

धरासू

धरासू भारतीय सेना के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इस पहाड़ी शहर में विवादित हिमालयी सीमा पर सैनिकों और सामग्री को ले जाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ सेना दोनों के लिए ये काफी महत्व रखता है। यहां पर अमेरिका द्वारा निर्मित सी-130 ट्रांसपोर्टर उतरते हैं।

हर्षिल

ये एक हिमालय तीर्थ मार्ग है, जो महत्वपूर्ण शहर और संचालन के लिए सेना द्वारा भी उपयोग किया जाता है। 2013 की आकस्मिक बाढ़ के दौरान, क्षेत्र तबाह हो गया था और शहर निकासी के प्रयासों में मदद करने के लिए सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण रसद केंद्र बन गया था।

गौचर

अगर गौचर की बात करें तो ये जोशीमठ से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और सीमा से सिर्फ 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो कि एक महत्वपूर्ण नागरिक और सैन्य अड्डा है। 2013 में भारतीय वायु सेना के बचाव और राहत प्रयासों का बड़ा हिस्सा इसी शहर से किया गया था।

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