इस होनहार खिलाड़ी मैरी नायडू के प्लास्टिक के घर को बीएमसी बार-बार तोड़कर चली जाती है. बीएमसी को कर्मचारी मैरी नायडू के मेडल भी लेकर चले गए.
महाराष्ट्र. एक बेटी देश के लिए खेलना चाहती है लेकिन मजबूरियों के कारण वो अपने सपनो को उड़ान नही भर पा रही है। जिस 16 साल की फुटबॉल खिलाड़ी मैरी प्रकाश नायडु को पीएम नरेंद्र मोदी ने खेल के लिए सराहा था , उसकी कि कड़ी मेहनत और जज्बे को देखते हुए प्रधानमंत्री ने फुटबॉल गिफ्ट दिया था. इस फुटबॉल खिलाड़ी को सड़क के किनारे बने प्लास्टिक के घर में रहती है और मजबूरन रेलेवे ब्रिज के नीचे प्रैक्टिस करती है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में हुए मिशन-11 मिलियन प्रोग्राम का हिस्सा बनने पर 16 साल की फुटबॉल खिलाड़ी मैरी नायडु को सम्मानित किया था. मिशन-11 मिलियन स्कूलों में फुटबॉल को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान था. जहां महाराष्ट्र राज्य की तरफ से मैरी चुनी गयी थी. गौरतलब है कि मैरी देश के लिए खेलना चाहती है और मेहनत भी कर रही हैं लेकिन मैरी की आर्थिक हालात इतने खराब है की मैरी अच्छी तरह से तैयारी भी नहीं कर पा रही हैं. मैरी मुंबई के किंग्स सर्कल स्टेशन के पास इंद्रा नगर के पानी की पाइप की लाइन के ऊपर नेताओ के पोस्टर के प्लास्टिक से बने घर में रहती है. वह 10वीं में पढ़ाई करती है.
होनहार खिलाड़ी मैरी का कहना है कि वह देश के लिए खेलना चाहती हैं लेकिन घर के हालात ठीक है जिसकी वजह से वह तैयारी नहीं कर पा रही. तैयारी करने का कोई मैदान नही है, इसलिए वह एक ब्रिज के नीचे तैयारी करती हैं. मैरी ने बताया कि नेताओ के पोस्टर के प्लास्टिक से बने उनके घर को आय दिन बीएमसी तोड़ कर चली जाती है. मैरी ने बताया कि उनके काफी मैडल और किताबें बीएमसी उठाकर ले गयी है. लेकिन उन्होंने फुटबॉल को नहीं जाने दिया, जैसे ही उन्हें मालूम चलता है की बीएमसी घर तोड़ने के लिए आने वाली है वैसे ही मैरी फुटबॉल को छुपा देती हैं.
मैरी ने कहा कि प्रधानमंत्री बेटियों के बारे में इतना ध्यान देते है, मैं चाहती हूं की प्रधानमंत्री मुझे फुटबॉल की तैयारी के लिए मैदान और घर दिला दें, जहां वे तैयारी करके देश के लिए खेल सकें. मैरी के पिता प्रकाश नायडू का कहना है हम मजदूरी कर के घर किसी तरह चलते हैं, बेटी रोती है की पापा मुझे खलने के लिए मैदान चाहिए, दूसरा घर चाहिए लेकिन हम नही कर पाते है. बेटी बहुत फुटबाल के लिए बहुत मेहनत करती है, वो देश के लिए खेलना चाहती है. प्रधानमंत्री बेटियों के लिए इतना करते है मेरी बेटी का मदद करे. जिससे वो देश के लिए खेल सके.
फुटबॉलर से आतंकी बने जम्मू-कश्मीर के इस 20 वर्षीय खिलाड़ी की ये है दिलचस्प कहानी