लखनऊ। सीएम योगी ने आज यानी शुक्रवार को लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया संस्थान के चौथे स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया। इस दौरान सीएम ने 10 डॉक्टरों को सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि डॉक्टरों को संवेदनशील होना जरूरी है। ऐसा जरूरी नहीं कि एक ही मर्ज पर एक ही दवा फायदा पहुंचाएं। इसके लिए रिसर्च और स्टडी जरूरी है।
सीएम योगी ने इस दौरान डॉक्टरों को एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते जब मैं गोरखपुर गया था तो एक परिचित डॉक्टर मेरे से मिलने आये थे। मेरे हाथ में एक पट्टी बंधी हुई देखकर मुझसे पूछा कि ये क्या हो गया है? इसका जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि मैंने बड़े-बड़े डॉक्टरों से से दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला है।
डॉक्टर ने कहा कि मैं इसको सही कर दूंगा। जब मैंने उनसे खर्च के बारे में पूछा तो कहा कि मुझे फीस नहीं चाहिए। बस ठीक होने के बाद एक सेल्फी लूंगा। उनके जेब में एक इंजेक्शन था, वो उसे निकालने लगे। मैंने कह दिया कि इंजेक्शन तो नहीं लगवाऊंगा। फिर डॉक्टर ने बिना इंजेक्शन लगाए सिर्फ 30 सेकंड में मेरा हाथ सही कर दिया। योगी ने कहा कि बेवजह ऑपरेशन के चक्कर में पड़ जाता तो 6 महीने बाद फिर से समस्या होने लगती। परिचित व्यक्ति एलोपैथी के डॉक्टर थे, सिर्फ हाथ दबाकर उसे सही कर दिया।
मठाधीश नहीं है माफिया है वो, अखिलेश की बातें सुनकर खौला योगी का खून, अब तो खैर नहीं!
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