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बुलडोजर एक्शन से पहले फॉलो हों ये रूल्स, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 20 बड़ी बातें

नई दिल्ली :हर कोई अपने घर और आंगन का सपना देखता है। हर इंसान के दिल की यही ख्वाहिश होती है कि घर का सपना कभी न टूटे’। ये हम नहीं कह रहे है, ये सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी है। कोर्ट ने कहा कि ‘महिलाओं और बच्चों को बेघर होते देखना सुखद दृश्य नहीं है।’ सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा घरों/दुकानों और अन्य निजी संपत्तियों को ध्वस्त करने के नियम निर्धारित किए हैं।

  1. राज्य आरोपी या दोषी के खिलाफ मनमानी ढंग से कार्रवाई नहीं कर सकता
  2. बुलडोजर एक्शन संवैधानिक अनुमति नहीं देता।
  3. निष्प्क्ष सुनवाई के बिना किसी भी मुज़रिम को दोषी नहीं ठहराया जा सकता
  4. कानून के शासन और व्यवस्था में निष्पक्षता का ध्यान रखना होगा
  5. आरोपी और दोषियों को भी आपराधिक कानून में सुरक्षा दी गई है.
  6. एक संवैधानिक लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकारों और आजादी की सुरक्षा जरूरी है
  7. अधिकारियों को सत्ता का दुरुपयोग करने पर बख्शा नहीं जाएगा
  8. मनमाने तरीके से काम करने वाले अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
  9. अनाधिकृत निर्माण पर समझौता किया जा सकता है अथवा मकान का केवल एक भाग ही ध्वस्त किया जा सकता है।
  10. नोटिस में बुलडोजर चलाने का कारण, सुनवाई की तारीख बताना जरूरी होगा.
  11. व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख अवश्य दी जानी चाहिए।
  12. आदेश में यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि बुलडोजर कार्रवाई क्यों आवश्यक है।
  13. अनधिकृत संरचना किसी सार्वजनिक सड़क/रेलवे ट्रैक/जल निकाय पर हो। प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इमारत को गिराया जा सकता है।
  14. यदि भवन को अवैध रूप से ध्वस्त किया गया है तो अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की जाएगी और उन्हें हर्जाना देना होगा।
  15. यदि किसी मकान को ध्वस्त करने का आदेश पारित किया जाता है तो इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए।
  16. बिना किसी अपील के रातों-रात तोड़फोड़ के बाद महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर देखना सुखद दृश्य नहीं है।
  17. नोटिस मकान मालिक को पंजीकृत डाक से भेजा जाएगा तथा भवन के बाहर चिपकाया जाएगा।
  18. नोटिस की तामील के बाद कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी।
  19. कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों आदि के ध्वस्तीकरण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।
  20. प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई करेगा, उसे रिकॉर्ड करेगा और फिर अंतिम आदेश पारित करेगा।
  21. मालिक को आदेश के 15 दिनों के भीतर अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा।

सभी निर्देशों का पालन जरूर किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना ​​और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपने खर्च पर बनवा के देना होगा इसके लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा। सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए।

 

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Manisha Shukla

पत्रकार हूं, खबरों को सरल भाषा में लिखने की समझ हैं। हर विषय को जानने के लिए उत्सुक हूं।

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