राजस्थान के श्रीगंगानगर के संत कृपाल नगर में चार लड़कियां पिछले पांच साल से किराए के मकान में रह रही थीं। पुलिस को जब इनपुट मिला तो उन्होंने मकान पर छापा मारा। कमरे की हालत देखकर सभी दंग रह गए। आइए जानते हैं पूरा मामला।
नई दिल्ली। राजस्थान के श्रीगंगानगर में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ठगो के पूरे गैंग का पर्दाफाश किया है। दरअसल एक किराए के मकान पर छह लोगों का गिरोह पांच साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। श्रीगंगानगर कोतवाली पुलिस ने गली नंबर 1 संत कृपाल नगर में एक घर पर छापामारी के बाद पुलिस ने चार लड़कियों समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मौके से एक दर्जन मोबाइल फोन, लैपटॉप, सीपीयू और रजिस्टर जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
ठग लोगों से छोटी रकम लेते थे, ताकि कोई शिकायत दर्ज न कराए। पिछले पांच साल में आरोपियों ने करीब सवा करोड़ रुपए की ठगी की है। साइबर ठग गिरोह उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को अपने जाल में फंसाता था। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र में भी लोगों को ठगा जाता था। गिरोह के सदस्य आम लोगों को फोन कर सस्ते दरों पर होम लोन, कार लोन, टू व्हीलर, पर्सनल लोन दिलाने का लालच देते थे। उनसे एडवांस में 600 से 800 रुपए प्रोसेसिंग फीस ली जाती थी और नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था। प्रोसेसिंग फीस 600 से 800 रुपए ही होने के कारण ज्यादातर पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई। हालांकि, दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत की, जिसके बाद पूरे गिरोह का भांडा फूट गया।
श्रीगंगानगर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत कार्रवाई करते हुए साइबर ठग गिरोह की चार महिला सदस्यों समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। अभी तक पता चला है कि पिछले चार-पांच सालों से ठगी कर रहे इस गिरोह ने अब तक करीब 20 हजार लोगों को अपना शिकार बनाया है। इनसे करीब सवा करोड़ रुपए की ठगी की गई है। फिलहाल पुलिस साइबर ठगी करने वाले इस गिरोह से पूछताछ करने में जुटी है।
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