जयपुर: कुछ ही महीने बाद राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं जिससे पहले ही सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सत्ता वापस पाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इस बीच तीन कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा चुनाव ना लड़ने का निर्णय लिया है. 10 विधायकों की उम्र 70 से अधिक दरअसल पार्टी में ऐसे नेता भी […]
जयपुर: कुछ ही महीने बाद राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं जिससे पहले ही सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सत्ता वापस पाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इस बीच तीन कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा चुनाव ना लड़ने का निर्णय लिया है.
दरअसल पार्टी में ऐसे नेता भी मौजूद हैं जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है. इसी को देखते हुए उन्होंने इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव ना लड़ने का निर्णय लिया है जिसे पार्टी ने व्यक्तिगत निर्णय करार दिया है. बता दें, राजस्थान के 10 ऐसे विधायक हैं जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद 72 साल के हैं. अब उम्र को देखते हुए राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह शेखावत समेत दो और मंत्रियों ने राजनीति करियर पर विराम लगाने की बात कही है. इसमें मंत्री हेमाराम चौधरी और सांगोद विधायक भरत सिंह कुंदनपुर का नाम भी शामिल है.
ये तीनों कांग्रेस नेता आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि विधानसभा चुनाव में उम्र कोई फैक्टर नहीं होगी. कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस संबंध में एक समाचार चैनल को बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि आगामी चुनाव में उम्र कोई फैक्टर नहीं होगा. ये उनका व्यक्तिगत निर्णय है यदि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने आगामी चुनाव को लेकर कोई मानदंड तय नहीं किया है. लेकिन फिटनेस का सवाल अभी भी महत्वपूर्ण है. प्रताप सिंह ने आगे बताया कि पार्टी में उम्र के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता है.
वहीं राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि ये सभी नेता आने बच्चों को चुनाव लड़वाना चाहते हैं इसलिए उन्होंने अपना टिकट जाने दिया. गौरतलब है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से प्रदेश में 10 ऐसे विधायक हैं जिनकी उम्र 70 से अधिक है. ऐसे में यदि कोई विधायक दूसरे विधायक के लिए अपनी सीट छोड़ेगा तो ये बड़ी बात होगी.