नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के हिंदू संगठनों ने बीजामंडल में पूजा करने की अनुमति मांगी थी। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसके विरोध में एक बयान जारी किया, जिसके बाद जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज ने ओवैसी का पलटवार किया है।
महामंडलेश्वर ने कहा कि अगर प्रशासन जांच करे तो उसे हर जगह मंदिर ही मंदिर मिलेंगे। अगर हम कागजात और सबूतों पर नजर डालें तो हमें कहीं भी कोई मस्जिद नजर नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि बीजामंडल में कोई मस्जिद नहीं थी, इसे बनाकर थोप दिया गया। पूरे भारत में कहीं भी कोई मस्जिद नहीं थी।
इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा था कि मध्य प्रदेश में संघ संगठनों ने मस्जिद में इबादत की इजाजत मांगी है। कलेक्टर ने बताया कि एएसआई गजट के मुताबिक यह मस्जिद है और इजाजत देने से इनकार कर दिया।
ओवैसी का आरोप है कि कानून का पालन करने पर कलेक्टर का तबादला कर दिया गया। वक्फ संशोधन विधेयक का यही खतरा है। सरकार कलेक्टर को और अधिकार देना चाहती है, ऐसे में अगर कोई कहता है कि यह मस्जिद नहीं है, तो भीड़ के दबाव में कलेक्टर को मानना पड़ेगा वरना उनका तबादला कर दिया जाएगा। असदुद्दीन ओवैसी के इस ट्वीट के बाद मध्य प्रदेश के विदिशा में हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के विदिशा में हिंदू संगठनों ने बीजामंडल में पूजा करने की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने जवाब दिया कि एएसआई के गजट के अनुसार यह मस्जिद है और अनुमति देने से इनकार कर दिया। 9 अगस्त को नाग पंचमी पर वहां पूजा की गई। अगले दिन यानी 10 अगस्त की रात को विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का तबादला कर उन्हें गृह विभाग में उप सचिव बना दिया गया।
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