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इंटरव्यू के लिए तैयार थी अदिति तभी हो गया पिता का निधन, अब बनी लेफ्टिनेंट

नई दिल्ली: अलवर की रहने वाली अदिति यादव, जो आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। इसके लिए अदिति ने खूब मेहनत की। अदिति उठो चार बज गए हैं…रनिंग करनी है। अदिति.. एक्सरसाइज का टाइम हो गया है, ये वो यादें हैं जो लेफ्टिनेंट अदिति के जेहन में हमेशा रहेगी। 29 अक्टूबर को चेन्नई की आर्मी […]

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  • November 3, 2022 6:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: अलवर की रहने वाली अदिति यादव, जो आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। इसके लिए अदिति ने खूब मेहनत की। अदिति उठो चार बज गए हैं…रनिंग करनी है। अदिति.. एक्सरसाइज का टाइम हो गया है, ये वो यादें हैं जो लेफ्टिनेंट अदिति के जेहन में हमेशा रहेगी। 29 अक्टूबर को चेन्नई की आर्मी एकेडमी (OTA) में पासिंग आउट परेड में अदिति के जेहन में ये बातें बार-बार आ रही थी।

अदिति आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं, लेकिन आज भी उनकी आंखें स्टैंड में केवल उस इंसान की तलाश कर रही है, जिसने उसकी इस सफलता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। हालांकि वो जानती है वो शख्स अब इस दुनिया से बहुत दूर चले गए हैं, वो हैं उनके पिता।

नम हुई आंखें

एक बेटी के लिए पिता क्या मायने रखते हैं इसे बताते-बताते लेफ्टिनेंट अदिति इमोशनल हो गई है। वो कहती हैं कि आज मेरा ही नहीं बल्कि मेरे पिता का सपना भी सच हुआ है। परेड खत्म हुई तो अदिति अपनी भावनाओं को रोक पाई। अदिति अपनी मां विकास यादव और दोनों आर्मी ऑफिसर भाइयों को सैल्यूट करती हैं, फिर उनके गले लगती है।

बता दे, अदिति अलवर जिले के बहरोड़ क्षेत्र में स्थित गांव मांचल की रहने वाली हैं। 22 साल की अदिति यादव के पिता चंद्रशेखर रेवाड़ी (हरियाणा) में संस्कृत के लेक्चरर थे। सीडीएस के इंटरव्यू से पहले अदिति के पिता की रोड एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई थी। पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए आदिति इंटरव्यू देने गईं और वह अब आर्मी ऑफिसर बन गई हैं।

पिछले वर्ष हुआ निधन

पिछले वर्ष एक सड़क दुर्घटना में अदिति के पिता जी का जब निधन हो गया था। पिता के निधन से तीन दिन बाद अदिति की एसएसबी थी। उसके भाई ने उसे हौसला देते हुए एसएसबी में जाने के लिए कहा। अदिति ने एसएसबी पास की, और उसके बाद उसने OTA चेन्नई को ज्वाइन किया। बहुत मेहनत करने के बाद आज अदीति लेफ्टिनेंट बन गई हैं। अदिति को देख कर उनकी मां की आँखें भी नम हो गई। अदिति का एक छोटा भाई भी है, जिसका नाम हर्षवर्धन है।

ऐसे की तैयारी

अदिती जब छोटी थी तभी से उनका सपना भारतीय सेना में अफसर बनना था। घर में दो चचेरे भाई पहले से ही मेजर और कैप्टन की पोस्ट में थे। बेटी के इस सपने को शिक्षक पिता चंद्रशेखर ने पूरा साथ दिया। उनके पिता हमेशा कहते थे कि तुम बेफिक्र होकर बस तैयारी करो। किसी से डरना मत, कभी पीछे मत हटना। बस, फिर क्या, पिता का साथ मिला तो अदिती दिन रात तैयारी में जुट गई।

 

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