यहां लगती थी अनोखी दुकान! बिकती थी सरकारी नौकरी, हर पोस्ट का अलग-अलग रेट

जयपुर: इस दुनिया में आपने कई तरह की दुकानें देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी दुकान देखी है, जहां सरकारी नौकरी बेची जाती है. ये जानकार थोड़ा अजीब लगा होगा, लेकिन ये सच है. कुछ दिनों पहले राजस्थान के जयपुर में एसआई भर्ती प्रकरण में एसओजी के हत्थे चढ़े हनुमान मीणा ने कई खुलासे […]

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यहां लगती थी अनोखी दुकान! बिकती थी सरकारी नौकरी, हर पोस्ट का अलग-अलग रेट

Deonandan Mandal

  • June 27, 2024 3:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

जयपुर: इस दुनिया में आपने कई तरह की दुकानें देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी दुकान देखी है, जहां सरकारी नौकरी बेची जाती है. ये जानकार थोड़ा अजीब लगा होगा, लेकिन ये सच है. कुछ दिनों पहले राजस्थान के जयपुर में एसआई भर्ती प्रकरण में एसओजी के हत्थे चढ़े हनुमान मीणा ने कई खुलासे किए. इसमें शख्स ने बताया कि किस तरह से उसने सरकारी नौकरियां बेची थी. उसने पूरा मामला उजागर किया.

हनुमान मीणा ने अपने बयान में ऐसी-ऐसी बातें बताई, जिसे जानकार सब हैरान हो गए. उसने सरकारी कार्यालयों में बिठाकर दूसरे लोगों से परीक्षा दिलवाई और पैसे लेकर लोगों को नौकरी दिलवा दी. उसने कबूल किया कि उसने 16 लोगों को किसी और के नाम पर परीक्षा दिलवाई है जिसमें से 9 अपने पोस्ट पर काम भी कर रहे हैं.

अलग-अलग रेट

आपको बता दें कि हनुमान मीणा अलीगढ़ में रहता है. उसने सरकारी नौकरी दिलाने वाले अपने दुकान को टोंक और सवाई माधोपुर में फैला रखा था. हर पोस्ट के लिए अलग-अलग रेट था. जिस पोस्ट में जैसी सैलरी थी, उसके हिसाब से रेट तय किया जाता था. हनुमान मीणा परीक्षा के लिए डमी कैंडिडेट बिठाता था. हनुमान मीणा द्वारा पुलिस को दिए बयान में उसने अपने रेट का भी खुलासा किया. उपनिरीक्षक की पोस्ट के लिए 15 लाख, टवारी के लिए 9 लाख, जेवीवीएनएल में हेल्पर के लिए 3 लाख का रेट तय किया गया था.

यहां से आते थे डमी कैंडिडेट

हनुमान मीणा ने ग्राम विकास अधिकारी और संगणक के लिए 9 लाख और फोरेस्टर की जॉब के लिए 7 लाख की फीस तय की थी. अगर लैब असिस्टेंट की पोस्ट चाहिए तो उसके लिए 7 लाख देने पड़ते थे. हनुमान मीणा पैसे लेने के बाद जालोर से डमी कैंडिडेट लाता था और दूसरे के नाम से ये लोग परीक्षा देते थे. इससे पहले भी हनुमान मीणा पकड़ा गया था, लेकिन वो सबूतों के अभाव में छूट गया था.

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