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शिमला नगर निगम चुनाव का रास्ता साफ, राज्य चुनाव आयोग ने वापस ली याचिका

शिमला। हिमाचल प्रदेश के नगर निगम शिमला चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस मामले पर सुनवाई होने वाली थी। इससे पहले राज्य चुनाव आयोग की ओर से केस वापस लेने की अर्जी कोर्ट में दायर कर दी गई थी । इसे कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है। […]

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शिमला नगर निगम चुनाव का रास्ता साफ, राज्य चुनाव आयोग ने वापस ली याचिका
  • February 15, 2023 11:43 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

शिमला। हिमाचल प्रदेश के नगर निगम शिमला चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस मामले पर सुनवाई होने वाली थी। इससे पहले राज्य चुनाव आयोग की ओर से केस वापस लेने की अर्जी कोर्ट में दायर कर दी गई थी । इसे कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है। अब उम्मीद है कि कुछ दिन में आयोग नगर निगम चुनाव को लेकर निर्देश जारी देगा। इसमें मतदाता सूची बनाने से लेकर वार्ड के रोस्टर को लेकर भी निर्देश जारी किए जाएंगे। नगर निगम का कार्यकाल 18 जून,2022 को ही समाप्त हो चुका है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर कि याचिका

बता दें , निगम चुनाव को लेकर विवाद पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था । वार्डों के पुनर्सीमांकन के विरोध में पूर्व पार्षद राजीव ठाकुर व निवर्तमान पार्षद सिम्मी नंदा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और इसमें जिला प्रशासन को दोबारा इस मामले में सुनवाई करने के निर्देश भी दिए थे। दूसरी बार भी जब प्रशासन के निर्देश याचिकाकर्ताओं ने नहीं माने तो राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।

चुनाव में पहले आठ माह की देरी

नगर निगम चुनाव में पहले ही आठ माह से ज्यादा की देरी हो गई है। 31 जनवरी को मतदाता सूची का काम पूरा होने के बाद इसमें तेजी आने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के कारण इस पर फैसला नहीं आ पा रहा था । फिलहाल अभी उपायुक्त आदित्य नेगी निगम के प्रशासक हैं।

वार्डों की संख्या में किए बदलाव

वर्तमान में फिर से 34 किए नगर निगम चुनाव से पहले शहरी विकास विभाग ने वार्डों का पुनर्सीमांकन किया था । इसे 34 से बढ़ाकर 41 वार्ड कर दिए गया था । सिम्मी नंदा और राजीव ठाकुर की याचिका पर हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को याचिकाकर्ताओं की आपत्ति सुनने के लिए कहा गया था। पिछले वर्ष छह दिसंबर को हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया था । इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए काम भी शुरू कर दिया है। वर्तमान सरकार ने अध्यादेश लाकर फिर से वार्डों की संख्या को अब 34 कर दिया है।

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